CG Bus Ticket: बस्तर दशहरा अपने अंतिम पड़ाव में है और इसे देखने पहुंच देशी विदेशी सैलानियों से बस्तर गुलजार है। इस बीच यहां के परिवहन व्यवस्था का बुरा हाल है मनमाने किराया के बहाने यात्रियों को ठगने का सिलसिला लगातार जारी है। शहर के कुशाभाउ ठाकरे अंतर्राज्यीय बस स्टैंड में यात्री बेबसी का सफर करने विवश हैं।
CG Bus Ticket: बस्तर दशहरा अपने अंतिम पड़ाव में है और इसे देखने पहुंच देशी विदेशी सैलानियों से बस्तर गुलजार है। इस बीच यहां के परिवहन व्यवस्था का बुरा हाल है मनमाने किराया के बहाने यात्रियों को ठगने का सिलसिला लगातार जारी है। शहर के कुशाभाउ ठाकरे अंतर्राज्यीय बस स्टैंड में यात्री बेबसी का सफर करने विवश हैं। यात्री को टिकट लेने, बस स्टैंड पर बस तलाशने, बस में सफर कर अपनी मंजिल तक पहुंचने और सफर के दौरान बसों में बदसलूकी से लेकर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इस बदइंतजामी को लेकर आम जनता और स्थानीय प्रतिनिधियों ने कई बार प्रशासन से किराया सूची से लेकर यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी की मांग को लेकर निवेदन और प्रदर्शन किए जाने के बावजूद सुधार के लिए किसी तरह की रूचि नहीं दिखाई। जिला परिवाहन विभाग में तैनात अधिकारी कागज का शेर बना नजर आता है जिनके वजह से परिवहन सेवाओं पर मनामानी कायम है।
इस बस स्टैंड में बदइंतजामी चरम पर है। यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं नदारत है। यात्रियों को पानी व प्रसाधन के लिये परेशान होना पड़ता है। बसों के प्रतीक्षा के दौरान बैठने की उचित सुविधा नहीं होने से यहां वहां भटकते रहते हैँ। साफ सफाई का बूरा हाल है। प्रतिक्षालय में अधिकांश समय मवेशियों का अधिपत्य होता है।
कुशाभाउ ठाकरे अंतर्राज्यीय बस स्टैंड शहर का नया व बस्तर जिले का सबसे बड़ा बस स्टैंड है। यहां से प्रतिदिन हजारों की संया में यात्री सफर करने पहुंचते हैं।जिसमें रायपुर के अलावा कई शहरों जैपुर, हैदराबाद, विशाखापट्नम, कोरापुट, बिलासपुर, दुर्ग और अन्य शहरों की नियमित बसें शामिल हैं। यहां पर रुट के टाइम के 10 मिनट पहले ही बस स्टैंड पर बस खड़ी करने की अनुमति है। वहीं एक तय समय में 6 बसों के खड़े होने की व्यवस्था है, लेकिन भीतर में 10 से अधिक बसें लगी रहती हैं। यात्रियों को टिकट लेने की कांउ़ंटर इतने हैं कि टिकट कहां से लेना है यात्रियों को समझ नहीं आता।
बस स्टैंड से राजधानी रायपुर के अलावा बैलाडिला, भोपालपट्टनम और सुकमा सहित हैदराबाद और विशाखापट्टनम की अधिक बसों की आवाजाही होती है। बस संचालकों द्वारा इस जगहों की ओर जाने वाली बसों में मनमाना किराया लिया जाता है। प्रशासन ने बसों पर किराया की कोई अधिकृत सूची नहीं लगाई है यही वजह है कि यह मनमानी लगातार जारी है। बस संचालकों के रवैया सेें विवाद कि स्थिति बन रही है। बस स्टैंड पर ड्राइवर और क्लीनर यात्रियों को पकड़कर बस में बैठा देते है। फिर रास्ते में मनमाना किराया वसूलते हैं जिससे यात्रियों को सफर के दौरान मानसिक और आर्थिक छति होती है।
बस्तर जिला परिवहन अधिकारी डीसी बंजारे ने कहा बसों को किराया सूची चस्पा करने का आदेश दिया जा चुका है। निर्देश का उल्लंघन करते पाए जाने पर विविधत कार्यवाही की जाएगी।
बस स्टैंड से संचालित यात्री बसों में किराये और असुविधाओं को लेकर लगातार खबरें प्रकाशित होने के बाद भी परिवहन विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया है। परिवहन विभाग द्वारा बस्तर में संचालित सभी बसों किराया सुची चस्पा करने के निर्देश सिर्फ कागज में नजर आ रहा है। किराया सूची लगाने के निर्देश के बाद भी बसों में नियत किराया और तारीख सहित प्रिंटेड यात्रा टिकिट नहीं दिया जा जाता है। जबकि परिवहन विभाग का कहना है कि शासन द्वारा जारी सभी तरह के नियम व शर्तों को पालन करने के आदेश दिया जा चुका है।