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Bus Strike: महाराष्ट्र में फिर थम गए बस के पहिए! इन मांगों को लेकर चालक कर रहे हड़ताल, छत्तीसगढ़ में पड़ा असर

CG News: त्योहारी दिनों में में महाराष्ट्र राज्य परिवहन की बसों की हड़ताल ने यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी है। महाराष्ट्र परिवहन की जिले में हर दिन 65 बसें चलती हैं।

Bus Strike

Bus Strike: महाराष्ट्र में बसों की हड़ताल के चलते छत्तीसगढ से अंतरराज्यीय मार्गों पर चलने वाली यात्री बसों पर दबाव बढ़ गया है। पड़ोसी राज्य में बसों का संचालन बंद होने से नागपुर और रायपुर के बीच चलने वाली बसों का आवागमन प्रभावित हुआ है। वहीं त्यौहारी सीजन में यात्रियों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। इसके चलते सभी बसें फुल चल रही है। इसके चलते किराया भी बढ़ा दिया गया है।

बताया जाता है कि रायपुर से महाराष्ट्र के नागपुर, भंडारा और राजनांदगांव एवं डोंगरगढ़ से चंद्रपुर, वर्धा गोंदिया सहित अन्य शहरों के लिए जाने वाले बसों में पैर रखने की जगह तक नहीं है। वहीं वापस आने वाली लक्जरी सुपरफास्ट बसें भी महाराष्ट्र के बाघनदी बार्डर तक लोकल बसों की तर्ज पर संचालित हो रही है। बस मालिकों का कहना है कि छत्तीसगढ़ से एकतरफा बसों का संचालन होने से दबाव बढ़ा है। त्यौहारी सीजन के दौरान यात्रियों की संख्या में इजाफा होने के कारण बसों की टाइमिंग पर असर पड़ रहा है। बता दें कि पिछले 10 दिनों से आपली बस के चालक-परिचालक वेतन बढ़ाए जाने की मांग को लेकर हड़ताल पर है।

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50 बसों का संचालन

छ्तीसगढ़ से महाराष्ट्र के बीच 50 बसों का संचालन अंतरराज्यीय समझौते के तहत किया जाता है। दोनों राज्यों के बीच रायपुर, जगदलपुर, बीजापुर, कांकेर, राजनांदगांव और डोगरगढ़ से महाराष्ट्र के नागपुर, गढ़चिरौली, गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर, वर्धा, अमरावती, पुणे और नागपुर होकर हैदराबाद तक चलती है। नागपुर में चल ही हड़ताल के चलते बसों का संचालन प्रभावित होने से दबाव बढ़ा है।

Bus Strike: दबाव बढ़ा

त्योहारी सीजन और महाराष्ट्र में बसों की हड़ताल से छत्तीसगढ़ से संचालित बसों पर दबाव बढ़ा है। पड़ोसी राज्यों से बसों के नहीं चलने यात्रियों की संख्या के अनुपात में बसों की संख्या कम हो गई है। -शिवेश सिंह, प्रमुख सलाहकार, छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ