Chhattisgarh News: शहर से लेकर गांव-गांव तक घर-घर पहुंचकर एप्प के माध्यम से पशुओं और पक्षियों की गिनती होगी। 88 प्रगणक और 16 सुपरवाइजर की टीम तैयार की गई है। गणना के लिए सभी 104 लोगों को स्पेशल ट्रेनिंग दी गयी है। अब इसी माह से दिसबर तक पशुओं की गणना चलेगी।
Chhattisgarh News: बस्तर में पशुओं की संगठनों की तैयारी पूरी हो चुकी है। पहली बार बस्तर में डिजीटल तरीके से पशुओं की गणना होगी। एप्प के माध्यम से सभी पशुओं की एंट्री की जाएगी जो ऑनलाइन सीधे सर्वर में फीड होगी। पहली बार हो रहे इस तरह के डिजीटल संगणना को लेकर विशेष तैयारी भी टीम कर रही है।
इसमें करीब 104 लोगों की टीम को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है जिससे की वे इस कार्य को बेहतर तरीके से कर सकें। मालूम हो कि यह इससे पहले वर्ष 2019 में पशुओं की संगठना की गई थी। (Chhattisgarh News) जिसमें किताब व कॉपी पेन में पशुओं की संगणना की जाती थी। लेकिन इस बार डिजीटल तरीके से पशुओं की संगणना होने जा रही है। इसके लिए विभाग भी विशेष तैयारी कर रहा है।
बस्तर, पशु चिकित्सा सेवाएं, प्रभारी संयुक्त संचालक, डॉ. दीपक शर्मा का कहना है कि बस्तर जिले में 21वीं पशु संगणना का कार्य शुरू हो गया है। यह कार्य सितंबर माह से शुरू होकर 31 दिसंबर तक पूर्ण किया जाना है। इसमें प्रगणकों द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में घर-घर जाकर पशुओं और पक्षियों की गणना की जाएगी। (Chhattisgarh News) इस बार की पशु संगणना में मोबाइल ऐप्प के माध्यम से ऑनलाइन डाटा एंट्री किया जाएगा। राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रम में सभी से सहायोग की अपेक्षा है।
इस डिजीटल पशु संगणक के लिए विभाग ने भी पूरी तैयारी कर ली है। जिले के पूरे सात विकासखंड से 104 स्पेशल लोगों की टीम तैयार की गई है। वहीं विभाग के पास आए डेटा के क्रॉस चेक के लिए भी तीन लेयर टीम तैयार की गई है। प्रगणक घर-घर जाकर डेटा कलेक्टर करेंगे। (Chhattisgarh News) इसकी सबसे पहले विकासखंड के सुपरवाइजर डेटा का क्रॉस चेक करेंगे। वहीं इसके बाद विभागी स्तर और फिर जिला स्तर पर डेटा का क्रॉस चेक किया जाएगा। तब जाकर फाइनल रिपोर्ट सामने आएगी।
Chhattisgarh News: बस्तर जिले के समस्त 88 प्रगणकों एवं 16 सुपरवाइजर को चुना गया है। यह सभी विभाग के विशेषज्ञ हैं। इनको डिजीटली तरीके से एप्प के माध्यम से पशुओं की गणना के लिए मास्टर ट्रेनर द्वारा ट्रेनिंग दी जा रही है। मास्टर ट्रेनर डॉ. पीयूष जैन के द्वारा ऑनलाइन एंट्री का विस्तृत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि लोगों को फील्ड में जाने के बाद किसी तरह की दिक्कत न आए।