जगदलपुर

Jagdalpur News: ओडिशा के बच्चे को जगदलपुर के डॉक्टरों ने दी नई जिंदगी, 6 घंटे की मशक्कत के बाद बचाई जान…

Jagdalpur News: ओडिशा के मरीज का मेकाज में ऑपरेशन सफल हुआ। डॉक्टरों ने सफल ऑपरेशन कर निकाला स्प्रिंग, आंखे भी सुरक्षित हैं। बताया जा रहा है कि डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद स्प्रिंग निकला। ओडिशा के कोटपाड़ से रेफर किया गया था।

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Jagdalpur News: ओडिशा के कोटपाड़ के डोंगरीगुड़ा निवासी पिंकू को बस्तर के मेडिकल कॉलेज ने नई जिंदगी दी है। दरअसल 12 साल के पिंकू के आंख में साइकिल स्टेंड का स्प्रिंग खेल-खेल में फंस घुस गया। जिसके बाद वह करीब छह घंटे तक आंखों में स्प्रिंग लिए इलाज के लिए भटकता रहा।

कोटपाड़ के डॉक्टरों ने जब मेकाज में पिंकू को रेफर किया और यहां के डॉक्टरों ने लगातार निगरानी के बाद उसके आंख से न केवल उस स्प्रिंग को निकाला बल्कि आंखों को नुकसान भी नहीं होने दिया।

Jagdalpur News: जानें पूरा मामला

परिजनों ने बताया कि डोंगरीगुड़ा निवासी 12 वर्षीय पिंकू गांव सातवीं का छात्र है। वह रोज की तरह 19 सितंबर को स्कूल गया हुआ था। दोपहर में खाना छुट्टी के दौरान स्कूल के ग्राउंड में दोस्तों के साथ खेल रहा था। Jagdalpur News इसी दौरान खेल-खेल में पिंकू के आंख में स्प्रिंग मार दिया। यह स्प्रिंग आंख के नीचे वाले पलक में गहराई तक जाकर फंस गया। पिंकू के आंखो से काफी खून निकल रहा था।

जैसे ही स्कूल प्रबंधन को इसकी जानकारी लगी उन्होंने परिजनों को जानकारी दी और उनके साथ पिंकू को स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए। Jagdalpur News यहां से खराब हालत को देखते हुए उसे कोटपाड़ के अस्पताल ले जाया गया। लेकिन यहां के डॉक्टरों ने भी मामले को गंभीर माना और बेहतर इलाज के लिए मेकाज भेजा गया।

वो डॉक्टर जो लगातार जुटे रहे

Jagdalpur News: यहां नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. छाया सोरी, डॉ. टीसी आडवाणी, डॉ. विशाल आडवाणी, डॉ. अंजना, डॉ. भाषिता, डॉ. विशाल, डॉ. अंजना, डॉ. श्रुति, डॉ. विनीत समेत अन्य लोगों की टीम बच्चे की देखभाल में जुटी रही।

आंखों में साइकिल स्टेंड का स्प्रिंग लगा हुआ था। ऐसी ही स्थिति में परिजन पिंकू को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे। Jagdalpur News यहां डॉक्टरों ने बच्चे की स्थिति को देखते हुए तुरंत ही प्राथमिक उपचार के बाद ओटी में ले गए।

यहां डॉक्टरों की टीम ने डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बच्चे के आंख से स्प्रिंग निकालने में सफलता हासिल की। इसके बाद लगातार दो दिनों तक 8 से अधिक डॉक्टरों की टीम जांच में जुटी रही। जिसके चलते न केवल स्प्रिंग को सफलता पूर्वक निकाल लिया गया बल्कि आंखों को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

Updated on:
22 Sept 2024 01:32 pm
Published on:
22 Sept 2024 01:31 pm
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