CG News: छत्तीसगढ़ और अन्य धान-उत्पादक राज्यों के किसानों के लिए चिंता का विषय बन सकती है। हाल ही में सामने आई जानकारी के अनुसार 27 हजार से अधिक किसान अपने धान को मंडियों में नहीं बेच पाएंगे।
CG News: एग्रीस्टेक पोर्टल में तकनीकी दिक्कतों के कारण बस्तर संभाग के 27496 हजार से अधिक किसानों का रिकॉर्ड अब तक अपग्रेड नहीं हो पाया है। इससे आगामी धान खरीदी सीजन में इन किसानों के धान बेचने पर संकट गहराने की आशंका है। जिले में इस बार सहकारी समितियों के माध्यम से अब तक लगभग 2 लाख 4 हजार 959 किसानों का पंजीयन किया जा चुका है, जो कुल संभावित संया का करीब 85 प्रतिशत है।
शेष किसानों को पंजीयन और रिकॉर्ड अपडेट में दिक्कतें आ रही हैं। किसानों का कहना है कि एग्रीस्टेक पोर्टल पर बार-बार तकनीकी समस्याएं और अन्य किसानों की व्यक्तिगत जानकारी अप्राप्त होना है। वहीं, संबंधित विभाग का दावा है कि समस्या के समाधान के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं ताकि किसी भी किसान को धान विक्रय से वंचित न होना पड़े।
एग्रीस्टेक पोर्टल में अपग्रेड में अड़चन आने का कारण वन भूमि किसानो का खसरा नहीं होना बताया जा रहा है। इसके अलावा कई ऐसे किसान हैं जिनकी मृत्य हो चुकी हैं। किसान की मृत्यु के बाद नामांतण और जमीन का वारीसाना हक को लेकर विवाद भी है। ऐसे किसान भी हैं, जो जिले और राज्य से बाहर रोजी-रोटी के लिए चले गए हैं। वहीं ऐसे किसान भी हैं, जिन्होने अभी तक एग्रीस्टेक पोर्टल पर पंजीयन करवाने कोई रुचि नहीं दिखाई है।
विभाग के मुताबिक एग्रीस्टेक पोर्टल पर किसानों के रिकार्ड करने समय बढ़ाकर 30 सितंबर तक शासन की ओर से किया गया है। फिलहाल किसानों के पास केवल 6 दिन का ही समय शेष रह गया है। किसान अपने संबंधित लैपस पहुंचकर जानकारी उपलब्ध करवाएं ताकि उनकी आईडी बनाई जा सके। फिलहाल तिथि आगे बढ़ाने को लेकर आदेश नहीं प्राप्त हुआ है।
पोर्टल पर अपग्रेड नहीं करवा पाने में सर्वाधिक पिछड़ा जिला कांकेर जहां 9933 किसान और कोण्डागांव में 6676 किसान शामिल हैं। वहीं बीजापुर में 3146, बस्तरममें 2520, सुकमा 2953 और दंतेवाड़ा में 633 है।
किसान पंजीयन के लिए वो कई आवेदन कार्यालय में लगा चुका है पर उसका खसरा नंबर नहीं बता रहा है। जो उसके नाम पर दर्ज है, उसे एग्रीस्टेक पोर्टल में दर्शाया नहीं जा रहा है, जिसे सुधार कराने के लिए भटक रहा है। - सुखमल यादव, किसान
पिता की मृत्य के बाद तीन भाईयों के बीच नामांतरण को लेकर विवाद होने से अपग्रेड नहीं करवा सके हैं। डाटा दर्शाये नहीं जाने की वजह से उसकी किसान आईडी नहीं बन पाई है। धान बेचने के लिए पंजीयन नहीं हो रहा है। - फूलसिंह कश्यप , किसान
एग्रीस्टेक पोर्टल में शेष रह गए किसान ऐसे हैं, जिनके दस्तावेज और जरूरी जानकारी अपूर्ण हैं। उनसे संपर्क कर समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि कोई भी किसान धान विक्रय से वंचित न हो। - एस.के. रज़ा, मुख्य पर्यवेक्षक, जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक
बस्तर - 2520
बीजापुर - 3146
दंतेवाड़ा - 633
कांकेर - 9933
कोण्डागांव - 6676
नारायणपुर - 1635
सुकमा - 2953