Teacher Promotion: व्यायाताओं में इस बात की खुशी है कि वे 10 से 12 साल के बाद प्राचार्य बन रहे हैं। दूसरी ओर इस प्रमोशन से हायर सेकेंडरी स्कूलों की व्यवस्था बिगडऩे वाली है...
Teacher Promotion: प्रदेशभर में 2813 व्यायाता अब प्राचार्य बन रहे हैं। बस्तर में 577 व्यायाताओं का प्रमोशन हुआ है। व्यायाताओं में इस बात की खुशी है कि वे 10 से 12 साल के बाद प्राचार्य बन रहे हैं। दूसरी ओर इस प्रमोशन से हायर सेकेंडरी स्कूलों की व्यवस्था बिगडऩे वाली है। दरअसल प्रदेशभर के स्कूलों में पहले से विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी है, अब जब विशेषज्ञ प्राचार्य बन जाएंगे तो बच्चों की पढ़ाई पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
हायर सेकेंडरी स्कूल में 11वीं-12वीं को पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी होने वाली है। प्रमोशन लिस्ट (Teacher Promotion) आने के बाद से शिक्षा विभाग को इस बात की चिंता है कि पढ़ाई कैसे पूरी करवाएंगे। जब तक पर्याप्त संख्या में व्यायाता मिलेंगे तक तक परीक्षा आ जाएगी। मौजूदा सत्र में पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित होना तय है। प्रमोशन लिस्ट के बाद अब चर्चा तेज हो गई है कि जब न्यायालय ने कह दिया था कि हम 1 जुलाई तक मामले में फैसला दे देंगे तो युक्तियुक्तकरण में हड़बड़ी क्यों की गई।
मालूम हो कि राज्य में 4690 प्राचार्य पद स्वीकृत हैं, जिनमें से करीब 3224 पद खाली हैं। इन रिक्तियों के लिए 2813 पदोन्नति सूची पहले ही जारी की जा चुकी थी, लेकिन कोर्ट केस के चलते पदोन्नति अटकी हुई थी। अब हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सभी याचिकाएं खारिज करते हुए प्रमोशन का रास्ता साफ कर दिया है। 630 एलबी संवर्ग के व्यायाता, जो करीब 30 साल की सेवा के बाद भी प्राचार्य नहीं बन पाए थे, अब प्रमोशन पाकर प्राचार्य बनेंगे। इसमें शिक्षा विभाग के 329 और आदिम जाति कल्याण विभाग के 301 एलबी व्यायाता शामिल हैं।
जानकार कह रहे हैं कि जब शिक्षा विभाग को पता था कि इतने बड़े पैमाने पर व्यायाता प्राचार्य बनने वाले हैं तो युक्तियुक्तकरण में जल्दबाजी क्यों की गई। अगर प्रमोशन लिस्ट आने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती तो स्कूलों की व्यवस्था इतनी नहीं बिगड़ती जितनी अब आगे बिगड़ेगी। युक्तियुक्तकरण के वक्त विभाग के पास शिक्षकों की कमी के अनुपात में पोस्टिंग देने का अवसर होता। अब विभाग को व्यायाताओं की कमी को दूर करने के लिए जल्द से जल्द वैकल्पिक रास्तों पर काम करना होगा।
प्राचार्यों को प्रमोशन मिलने में 12 साल का वक्त लग गया। अब शिक्षकों को व्यायाता के रूप में प्रमोशन देने में कितना वक्त लगेगा यह कोई नहीं बता पा रहा है। जिमेदार कह रहे हैं कि विकल्पों से व्यवस्था को पटरी पर बनाए रखेंगे लेकिन सवाल यह है कि आखिर बड़े स्कूलों में क्या होगा जहां से बड़े पैमाने पर व्यायाताओं की विदाई हो रही है। शहर के एमएलबी स्कूल से ही एक साथ 09 व्यायाता प्राचार्य बन रहे हैं। इसी तरह आसना स्कूल से 8 व्यायाताओं का प्रमोशन हो रहा है। इन स्कूलों में बड़ा संकट खड़ा होने वाला है।
डीईओ बीआर बघेल ने कहा कि उच्च कार्यालय के मार्गदर्शन के आधार पर व्यवस्था बनाई जाएगी। विकल्पों पर काम करेंगे। कमी दूर करने का प्रयास किया जाएगा।