Paddy Procurement: समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान किसानों को हो रही परेशानियों के बाद प्रशासन ने जिले के 56 खरीदी केंद्रों में प्रतिदिन की खरीदी सीमा 200 से 400 क्विंटल तक बढ़ा दी है।
Paddy Procurement: प्रदेश सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर की जा रही धान खरीदी के दौरान इस वर्ष किसानों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। समय पर टोकन जारी न होने और प्रतिदिन की खरीदी लिमिट की सीमा कम तय किए जाने से किसानों को बार-बार खरीदी केंद्रों के चक्कर लगाने पड़े। हालांकि अब प्रशासन ने राहत देते हुए जिले के 56 धान खरीदी केंद्रों में प्रतिदिन की खरीदी सीमा बढ़ा दी है।
मिली जानकारी के अनुसार धान खरीदी की प्रतिदिन सीमा में 200 से 400 क्विंटल तक की वृद्धि की गई है, जिससे जिले के 30 हजार से अधिक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। वहीं बस्तर संभाग के स्तर पर लगभग 80 हजार से ज्यादा किसान इस निर्णय से राहत महसूस कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि खरीदी सीमा कम होने से वे आर्थिक और मानसिक दबाव में थे। उन्होंने शासन से शेष केंद्रों की सीमा भी शीघ्र बढ़ाने की मांग की है, ताकि धान खरीदी की प्रक्रिया सुचारु और पारदर्शी ढंग से पूरी हो सके।
सहकारी समितियों और किसानों की निरंतर मांग के बाद शासन ने खरीदी सीमा बढ़ाने की प्रक्रिया प्रारंभ की। हालांकि कुछ केंद्रों में सीमा बढ़ाए जाने के बावजूद टोकन जारी नहीं होने से किसानों की चिंता अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है।
धान खरीदी की निर्धारित अवधि को लेकर किसानों की ङ्क्षचता लगातार बढ़ रही है। सामान्य रूप से खरीदी समाप्त होने में करीब 46 दिन शेष बताए जा रहे हैं, लेकिन शनिवार और रविवार को खरीदी नहीं होने के कारण अब वास्तविक रूप से केवल 33 कार्यदिवस ही उपलब्ध हैं। ऐसे में सभी पंजीकृत किसान निर्धारित समय में अपनी पूरी उपज बेच पाएंगे या नहीं, इसे लेकर संशय बना हुआ है।
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हुए एक महीने से अधिक समय बीत चुका है। इस वर्ष बस्तर संभाग में 2 लाख 57 हजार 68 किसानों ने पंजीयन कराया है, लेकिन अब तक केवल 53 हजार 229 किसान ही अपनी उपज बेच सके हैं। इसका प्रमुख कारण भी खरीदी सीमा कम होना बताया जा रहा है।
Paddy Procurement: खरीदी केंद्रों के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों की टीम ने पाया कि टोकन की कमी और कम निर्धारित खरीदी सीमा के कारण किसानों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने अधिकारियों को बताया कि सीमा अत्यंत कम होने से वे अपनी तैयार फसल समय पर केंद्रों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं, जिससे उन पर आर्थिक के साथ-साथ मानसिक दबाव भी बढ़ रहा है।
सहकारी समितियों की मांग पर शासन को खरीदी की लिमिट बढ़ाने के लिए पत्र भेजा गया था। इस पर काम शुरू हो गया है। पहले चरण में जिले के 79 केंद्रों में से 56 केंद्रों में धान की लिमिट बढा दी गई है: घनश्याम सिंह राठौर, खाद्य नियंत्रक विभाग