World Youth Skills Day 2025: हर साल 15 जुलाई को दुनियाभर में विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day) के रूप में मनाया जाता है।
World Youth Skills Day 2025: हर साल 15 जुलाई को दुनियाभर में विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य है युवाओं को कौशल विकास के महत्व से परिचित कराना और उन्हें रोज़गार या व्यवसाय के लिए आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराना। आज के दौर में जहां बेरोजगारी एक गंभीर चुनौती बनती जा रही है, वहां युवाओं को हुनरमंद बनाकर ही इस समस्या का स्थायी समाधान खोजा जा सकता है।
इस विशेष अवसर पर हम आपको एक ऐसे ही बस्तर के युवा की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने अपने हुनर के दम पर गरीबी, संसाधनों की कमी और सामाजिक रुकावटों को पीछे छोड़ते हुए स्पेस टेक्नोलॉजी की दुनिया में अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है।
बस्तर के युवा साद मेमन ने अपने और नवाचार के दम पर न केवल बस्तर का, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। साद ने ऐसा सॉटवेयर विकसित किया है, जिससे अंतरिक्ष मिशनों की लागत को करीब आधा करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, उन्होंने यूरोप में आयोजित अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन प्रयोग डिजाइन स्पर्धा में जीत हासिल कर बस्तर को गौरवान्वित किया है। यह सॉटवेयर अंतरिक्ष मिशनों में संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करता है और तकनीकी प्रक्रियाओं को सरल बनाता है।
मौजूदा समय में साद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के एक मॉड्यूल पर काम कर रहे हैं। उनका यह कार्य अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत की बढ़ती उपस्थिति को दर्शाता है। बस्तर जैसे आदिवासी अंचल में अपनी आरंभिक शिक्षा पूरी करने वाले साद ने बताया कि यदि बस्तर में उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर रहेंगे तो और भी प्रतिभाएं यहां से आगे आ सकती हैं। यहां पर शोध व प्रयोग के अवसर कम मिलते हैं। सभी को अवसर मिलना चाहिए।
साद ने यूरोप में आयोजित अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन प्रयोग डिजाइन स्पर्धा में हिस्सा लिया और शानदार जीत हासिल की। इस स्पर्धा में विश्व भर के युवा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने भाग लिया था। साद की परियोजना को इसकी नवीनता और व्यावहारिकता के लिए सराहा गया। साद की इस उपलब्धि से बस्तर के युवाओं और समुदाय में उत्साह का माहौल है। स्थानीय निवासी रमेश कोसले ने कहा कि साद ने साबित कर दिया कि बस्तर जैसे क्षेत्र से भी विश्व स्तर पर कामयाबी हासिल की जा सकती है। यह हमारे युवाओं के लिए प्रेरणा है। बसतर की प्रतिभाओं को शोध के समान अवसर मिलना जरुरी है।
साद मेमन की उपलब्धियां विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर बस्तर के युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं। उनका यह सफर दर्शाता है कि कौशल, मेहनत और नवाचार के दम पर किसी भी क्षेत्र से वैश्विक मंच पर पहचान बनाई जा सकती है। साद का यह योगदान न केवल बस्तर, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक्स पर लिखा, “विश्व युवा कौशल दिवस पर देश-प्रदेश के सभी युवाओं को उनके उज्ज्वल, प्रेरणादायी और समृद्ध भविष्य के लिए हृदय से शुभकामनाएं।”
साल 2014 में युवाओं को रोजगार हेतु जरूरी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए श्रीलंका ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के समक्ष विश्व युवा कौशल दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया। जिसे 18 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मंजूरी दे दी और 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस मनाने का फैसला किया। तब से हर साल 15 जुलाई को तरह-तरह के कार्यक्रमों के जरिए यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है।
तेजी से बदली दुनिया में लोगों के रहने, खाने-पीने, पहने-ओढ़ने का ही तरीका नहीं बदला है, बल्कि काम करने के तरीकों में भी कई तरह के बदलाव हुए हैं। पहले जहां जॉब मेंं एक्सपीरियंस जरूरी होता है, वहीं अब एक्सपीरियंस से कहीं ज्यादा स्किल्स मायने रख रहा है। पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार के लिए कुछ जरूरी स्किल्स की मदद से आप प्रोफेशनल लाइफ में जल्द कामयाबी पा सकते हैं। यही संदेश युवाओं तक पहुंचाना इस दिन को मनाने का मकसद है।