30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

World Blood Donor Day: भ्रांतियों की वजह से घट रहा रक्तदान, जरूरत 3 लाख यूनिट की, मिल रहा सिर्फ दो लाख

World Blood Donor Day: सिकलसेल, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, ल्यूकेमिया, कैंसर के मरीज, सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व डिलीवरी के दौरान महिलाओं को ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।

2 min read
Google source verification
भ्रांतियां रोक रहीं रक्तदान से (फोटो सोर्स- unsplash)

भ्रांतियां रोक रहीं रक्तदान से (फोटो सोर्स- unsplash)

रायपुर पत्रिका@ पीलूराम साहू।World Blood Donor Day: सिकलसेल, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, ल्यूकेमिया, कैंसर के मरीज, सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व डिलीवरी के दौरान महिलाओं को ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। हालांकि कुछ भ्रांतियां युवाओं व अन्य लोगों को रक्तदान करने से रोक रही हैं।

प्रदेश में हर साल 3 लाख यूनिट ब्लड की जरूरत होती है, लेकिन मुश्किल से 1.75 से 2 लाख यूनिट ही मिलता है। ये ब्लड रक्तदान से मिलता है। जरूरत की तुलना में कम उपलब्धता के कारण कुछ निजी ब्लड बैंक इसके लिए मनमानी कीमत वसूल रहे हैं। इस पर कोई लगाम भी नहीं है।

आज विश्व रक्तदान दिवस है। ब्लड से जुड़े स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आबादी का एक फीसदी ब्लड कलेक्शन होना चाहिए। जरूरत से कम कलेक्शन के कारण निजी अस्पताल भी इमरजेंसी के नाम पर एक यूनिट का 3 से साढ़े 3 हजार रुपए वसूल रहे हैं, जबकि एक यूनिट होल ब्लड की कीमत 1250 रुपए है।

भगवान भरोसे मरीजों को ब्लड चढ़ाया जा रहा है

निजी व सरकारी ब्लड बैंकों में ब्लड की क्वालिटी की जांच के लिए ड्रग विभाग को हर तीन से छह माह में जांच करनी है, लेकिन ये भी नहीं हो पा रहा है। जैसे एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, सी, सिफलिस बीमारी होने पर उनका ब्लड मरीजों को नहीं दिया जा सकता। कुछ सरकारी व निजी बैंकों में इसकी जांच की सुविधा भी नहीं है। ऐसे में भगवान भरोसे मरीजों को ब्लड चढ़ाया जा रहा है। कई बार दूषित ब्लड चढ़ने से मरीज बीमार हो जाता है। ऐसे केस में एचआईवी के मरीज भी शामिल हैं।

यह भी पढ़े: तेज रफ्तार कार ने मासूम को मारी टक्कर, फिर इलाज के बहाने 20 घंटे शव को लेकर घूमते रहे आरोपी, पुलिस ने पकड़ा

राजधानी में 20 से ज्यादा ब्लड बैंक, इसमें सरकारी दो ही

राजधानी में 20 के करीब ब्लड बैंक है, जबकि प्रदेश में 120 के आसपास है। आंबेडकर अस्पताल व दूसरा रेडक्रॉस सोसाइटी का डीकेएस परिसर में स्थित है। आंबेडकर के मरीजों को अस्पताल के ब्लड बैंक से ब्लड दिया जाता है। किसी दूसरे अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए ब्लड नहीं दिया जाता। जबकि रेडक्रॉस में डीकेएस समेत किसी भी निजी व सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए उपलब्धता के अनुसार ब्लड दिया जा रहा है।

ज्यादातर बड़े निजी अस्पतालों में खुद का ब्लड बैंक है। इसके अलावा शहर के विभिन्न इलाकों में निजी ब्लड बैंक है। यहां मांग व समय के अनुसार कीमत तय की जाती है। - डॉ. विकास गोयल, ब्लड रोग व बोन मेरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ

डोनेशन के फायदे

दिल के दौरे का खतरा कम।
आयरन को नियंत्रित करना।
मेंटल हैल्थ में सुधार।
कैंसर का खतरा कम।
वजन नियंत्रित करना।
ब्लड प्रेशर नियंत्रित।
रक्त कोशिकाओं का निर्माण।

टॉपिक एक्सपर्ट

नियमित अंतराल में रक्तदान करने से खून साफ होने के साथ शरीर को नए खून बनाने का मौका मिलता है। कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों से बचाव भी होता है। सिकलसेल, हीमोफीलिया के मरीजों को ब्लड की पूर्ति रक्तदान से होता है। इसलिए स्वस्थ हैं तो बेहिचक रक्तदान करना चाहिए। इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। रक्तदान के बाद भी सामान्य काम किया जा सकता है।


बड़ी खबरें

View All

रायपुर

छत्तीसगढ़

ट्रेंडिंग