Murder Case: शनिवार रात पुराने तहसील कार्यालय में बने दसरा-पसरा में एक 24 साल के युवक की कुछ अज्ञात आरोपियों ने बेरहमी से हत्या कर दी। हत्या की टाइमिंग पर भी अब सवाल उठ रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को शहर में थे।
CG Murder Case: बस्तर पुलिस का दावा था कि दशहरा के दौरान शहर में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम रहेंगे। शुरुआत में इंतजाम दिखे भी लेकिन समय के साथ पेट्रोलिंग में सुस्ती नजर आने लगी। अब दशहरा के समापन से कुछ दिन पहले ही शहर में बड़ी वारदात हो गई है।
दरअसल, शनिवार रात पुराने तहसील कार्यालय में बने दसरा-पसरा में एक 24 साल के युवक की कुछ अज्ञात आरोपियों ने बेरहमी से हत्या कर दी। हत्या की टाइमिंग पर भी अब सवाल उठ रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को शहर में थे। जिस राजमहल परिसर तक वे पहुंचे वहां से महज 200 मीटर दूर से यह जघन्य हत्याकांड सामने आया है। मां दंतेश्वरी मंदिर के करीब हुई हत्या के दौरान बड़े पैमाने पर लोग क्षेत्र में नशाखोरी कर रहे थे लेकिन इलाके से पुलिस दूर थी।
कहा जा रहा है कि इसी वजह से आरोपियों के हौसले बुलंद थे और उन्होंने मृत युवक की दौड़ा-दौड़ाकर हत्या कर दी। ऐसा पैटर्न बस्तर में के लिए आम नहीं है। राजधानी रायपुर और उससे लगे इलाकों में इस तरह के प्रकरण सामने आते रहते हैं। अब शहर में हुई इस वारदात के बाद से लोगों में दहशत का माहौल है। इधर, विपक्षी कांग्रेस ने दशहरा के वक्त लॉ एंड ऑर्डर की ऐसी स्थिति पर सवाल उठाए हैं। वारदात की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज आरोपियों की तलाश में जुट गई है।
मिली जानकारी के अनुसार, घटना स्थल के आसपास महुआ शराब का बाजार लगा हुआ था। जहां बड़े पैमाने पर लोग शराब पीने जुटे थे। इस पूरे इलाके में एक भी पुलिस का जवान नहीं था। इसी दौरान रेलवे कॉलोनी निवासी ऑटो चालक करण बघेल 24 वर्ष की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार देर रात तक दसरा-पसरा के सामने शराब बिक रही थी। शराबखोरी के दौरान ही चार-पांच युवकों के बीच बैठने को लेकर कहासुनी हुई, जो धीरे-धीरे मारपीट में बदल गई। विवाद बढऩे पर आरोपियों ने करण को भीतर खींचकर चाकू से हमला कर दिया। अधिक खून बहने से करण की मौके पर ही मौत हो गई।
घटनास्थल पर सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी थी। फिर भी मौके पर कोई पुलिसकर्मी तैनात नहीं था। स्थानीय लोगों का कहना है कि दशहरा जैसे विशाल आयोजन में यह लापरवाही गंभीर है, क्योंकि पूरे परिसर में सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण ठहरे हुए थे। यहां शराबखोरी और नशे में धुत लोगों की भी आवाजाही बनी हुई थी। ऐसे में इस सेंसेटिव इलाके से पुलिस के दूर रहने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
दशहरा जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आयोजन में गृहमंत्री की उपस्थिति के बाद कुछ ही घंटों में हत्या की वारदात ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अगर पुलिस की गश्त और निगरानी सख्त होती, तो ऐसी घटना टल सकती थी।
आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की तलाश की जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। - भोला सिंह राजपूत, कोतवाली टीआई