जयपुर के 200 फीट बाइपास जंक्शन का 249 करोड़ रुपये की लागत से कायाकल्प होना है। यह प्रोजेक्ट शहर के भीषण ट्रैफिक जाम से निजात दिलाएगा और अजमेर-दिल्ली मार्ग को और सुगम बनाएगा। इस जंक्शन को दो साल में ट्रैफिक लाइट मुक्त करने की योजना है।
जयपुर। शहर के सबसे व्यस्त चौराहों में से एक 200 फीट बाइपास जंक्शन को नया रूप देने की तैयारी शुरू हो गई है। इस प्रोजेक्ट पर 249 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसमें से 152 करोड़ रुपए सिविल वर्क पर खर्च होंगे।
काम शुरू होने के दो साल के भीतर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) इस चौराहे को ट्रैफिक लाइट फ्री बना देगा। इसके बाद अजमेर-दिल्ली और जयपुर की राहें और सुगम हो जाएंगी। परियोजना को पूरा करने वाली फर्म अगले 10 वर्षों तक इस जंक्शन का रखरखाव भी करेगी।
एनएचएआइ अधिकारियों के अनुसार, टेंडर प्रक्रिया अगले माह पूरी कर ली जाएगी और नवंबर में काम शुरू होने की संभावना है। इस परियोजना के लिए 2.26 हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता होगी। इसमें से 2.08 हेक्टेयर जमीन जेडीए की है और 0.26 हेक्टेयर निजी भूमि है। दोनों पक्षों से बातचीत चल रही है।
वर्तमान में यहां से रोजाना डेढ़ लाख से अधिक वाहन गुजरते हैं। असुविधाजनक ट्रैफिक व्यवस्था के कारण पीक आवर्स ही नहीं, सामान्य घंटों में भी जाम लगता है। सर्विस रोड पर भी आवागमन सुगम नहीं है, जिससे वाहन चालकों को रॉन्ग साइड जाना पड़ता है। खासतौर पर जब अजमेर से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहन सी-जोन बाइपास पर चढ़ते हैं और जयपुर से पृथ्वीराज नगर की ओर जाने वाले वाहन सर्विस रोड पर बढ़ते हैं, तो ट्रैफिक की कैंची बन जाती है। इससे हर समय हादसे का खतरा बना रहता है।