
फाइल फोटो: पत्रिका
Order Issued To Remove Encroachment: हाईकोर्ट ने जयपुर जिले में आवासन मंडल के लिए अवाप्त जमीनों पर बसी 86 कॉलोनियों में अवैध निर्माणों का नियमन करने की नगरीय विकास विभाग की तैयारी पर सख्ती दिखाई। कोर्ट ने अवैध निर्माणों के नियमन की प्रक्रिया को राेक दिया, वहीं अवैध निर्माण ध्वस्त कर इन कॉलोनियों को अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश दिया। साथ ही कहा है कि अतिक्रमण के लिए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा और न्यायाधीश संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने पब्लिक अगेंस्ट करप्शन की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि इन कॉलोनियों में नियमन की प्रक्रिया शुरु करने का नगरीय विकास विभाग का परिपत्र अवाप्तशुदा भूमि पर अवैध निर्माण और अतिक्रमण को नियमित करने वाला है। यह सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने भी वाला है। इस तरह के प्रयास को अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगते हुए सुनवाई 8 सप्ताह टाल दी।
अधिवक्ता पूनम चंद भंडारी व टीएन शर्मा ने कोर्ट को बताया कि जयपुर में बी टू बाइपास से सांगानेर के बीच के इलाके सहित अन्य जगह आवासन मंडल के लिए कई बीघा जमीन अवाप्त कर अवार्ड जारी किया गया, लेकिन कब्जा नहीं लिया। गृह निर्माण सहकारी समितियों ने वहां करीब 86 कॉलोनियां बसा कर पट्टे जारी कर दिए। नगरीय विकास विभाग ने 12 मार्च को इनके नियमन का आदेश जारी कर दिया।
याचिका में इसे चुनौती देते हुए कहा कि आवासन मंडल की जमीन पर अतिक्रमियों का नियमन रोक कर अतिक्रमण हटाया जाए। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि तीन दशक से अधिक समय से लोग बसे हुए हैं। अवाप्ति का उद्देश्य पूरा होना संभव नहीं है, जिसके कारण भूमि का कॉलोनीवासियों के पक्ष में नियमन करने का निर्णय लिया।
Updated on:
26 Aug 2025 08:26 am
Published on:
26 Aug 2025 08:25 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
