जयपुर

Jaipur Tanker Blast: जयपुर अग्निकांड हादसे की ये 5 दर्दभरी कहानी सुनकर सहम जाएंगे आप

Rajasthan News: जयपुर के भांकरोटा में हुए गैस टैंकर ब्लास्ट की 5 दर्दभरी कहानी सुनकर आप सहम जाएंगे। इनमें से कोई मर गया तो कोई जिंदा रहने की भीख मांग रहे है।

3 min read
Dec 23, 2024

Jaipur Fire Incident: जयपुर के भांकरोटा इलाके में हुए गैस टैंकर ब्लास्ट ने कई परिवारों की खुशियां और अपने दोनों को छीन लिया। यह हादसा जितना भयावह था, उतनी ही दर्दभरी हैं इस हादसे से जुड़ी कहानियां। इन कहानियों को सुनकर सबकी आंखें नम है।

ये भी पढ़ें

Rajasthan News : चाइल्ड हेल्पलाइन में बड़ा बदलाव, नए साल से अब जिलों से ही होगी मॉनीटरिंग

1. सिर से चिपक गया हेलमेट


महापुरा मोड़ के पास रमेश और उनकी पत्नी नीरा नौकरी के लिए बाइक से निकले थे। रास्ते में गैस की दुर्गंध को अनदेखा कर वे आगे बढ़े, लेकिन पास खड़े टैंकर में अचानक आग लग गई। इस हादसे में दोनों बुरी तरह झुलस गए। रमेश का हेलमेट उनके सिर से चिपक गया, और बाइक जलकर राख हो गई। घायल हालत में उन्होंने फोन पर रोते हुए अपने दोस्तों को कहा, "हम मर जाएंगे, जल्दी आ जाओ।" करीब एक किलोमीटर पैदल चलने के बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन देर हो चुकी थी। उनके बच्चों का तब से रो-रोकर बुरा हाल है।

2. आग की लपटों के बीच 1 KM तक चलती रही जसमीन

डॉ. जसमीन खान ने इस हादसे को अपनी आंखों के सामने होते देखा। जब स्लीपर बस में आग लगी, तो उन्होंने खिड़की तोड़कर अपनी जान बचाई। आग की लपटों के बीच वह करीब 1 किलोमीटर तक पैदल चली। इस दौरान उनका पैर फ्रैक्चर हो गया, लेकिन दर्द सहते हुए उन्होंने पास के खेत में शरण ली। उनके झुलसे हाथ और सिर के जले बाल उस भयावह मंजर की गवाही देते हैं। वे अस्पताल के बिस्तर पर हैं, लेकिन उनकी आंखों में अब भी उस मंजर की दहशत साफ झलकती है।

3. शरीर पर चिपके कपड़े, जिंदगी की भीख मांगता रहा राधेश्याम

सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा वायरल हुई वीडियो में राधेश्याम चौधरी आग की लपटों के बीच से निकलकर ज़िंदगी की भीख मांग रहे थे। वह पूरी तरह से झुलस गए थे, यहां तक की उनके कपड़े भी जलकर शरीर पर चिपक गए थे। हॉस्पिटल में उन्हें भी मृत घोषित कर दिया गया। 90% झुलसे राधेश्याम ने मौके पर दम तोड़ दिया। उनके परिवार में उनकी मां, पत्नी और दो छोटे बच्चे थे, जो अब बेसहारा हो गए हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से राधेश्याम पर निर्भर थी।

4. बिछिया और नेलपॉलिश से हुई महिला कांस्टेबल की पहचान

28 वर्षीय कांस्टेबल अनीता मीणा, जो ड्यूटी के लिए निकली थीं, आग की चपेट में आ गईं। उनका शरीर इतना झुलस चुका था कि उनकी पहचान बिछिया और नेलपॉलिश से की गई। अनीता अपने परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी संभाल रही थीं। उनके छोटे बच्चों के लिए यह हादसा जिंदगीभर का गहरा जख्म बन गया है।

5. शादी के दो महीने पहले हुई गोविंद की मौत

केकड़ी जिले के ग्राम सदारा के गोविंद नारायण राजावत (32) की शादी फरवरी में होने वाली थी, लेकिन इस हादसे ने उनके परिवार की खुशियां मातम में बदल दीं। गोविंद दोस्तों के साथ कार से जयपुर जा रहे थे। गैस लीकेज से हुए ब्लास्ट में उनकी कार आग की चपेट में आ गई। उनके साथी भाग निकले, लेकिन गोविंद कार स्टार्ट करने की कोशिश में बुरी तरह झुलस गया। अस्पताल में दो दिन संघर्ष करने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। गोविंद के माता-पिता, भाई-बहन सदमे में हैं। गांव में उनकी मौत से शोक की लहर है।

    Updated on:
    23 Dec 2024 04:01 pm
    Published on:
    23 Dec 2024 04:00 pm
    Also Read
    View All

    अगली खबर