राजस्थान में 9 जिलों को खत्म करने के निर्णय को लेकर सरकार के खिलाफ विभिन्न जगहों पर विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं। कुछ स्थानों पर टायर जलाकर उग्र प्रदर्शन किया गया।
राज्य सरकार की ओर से 3 संभाग और 9 जिलों को खत्म करने के निर्णय के खिलाफ विभिन्न जगहों पर विरोध-प्रदर्शन जारी हैं। नए साल से आंदोलन को बड़े स्तर करने की रणनीति बनाई गई है। जिला खत्म करने के विरोध में सांचौर में सोमवार को शुरू हुआ महापड़ाव मंगलवार को भी जारी रहा। यहां टायर जलाकर उग्र प्रदर्शन किया गया। महापड़ाव में कांग्रेस नेता अमराराम माली पेट्रोल की बोतल लेकर पहुंच गए और इस निर्णय के विरोध में आत्मदाह का ऐलान कर दिया।
लोगों ने सरकार और स्थानीय विधायक के खिलाफ नारेबाजी की। विधानसभा का घेराव करने का भी प्रस्ताव पारित किया गया। सांचौर के बाजार पूर्ण रूप से बंद रहे। चाय की थड़ी से लेकर मेडिकल की दुकानें बंद रही। उधर, कांग्रेस की ओर से एक जनवरी के बाद बड़ा आंदोलन करने की तैयारी की जा रही है। गंगापुरसिटी, नीमकाथाना, दूदू और अपनूपढ़ में भी आंदोलन की रूपरेखा तैयार हो रही है।
नीमकाथाना जिले को निरस्त करने पर जनाक्रोश लगातार बढ़ रहा है। इसके विरोध में नीमकाथाना शहर का बाजार बंद रहा। इधर जिला बचाओ संघर्ष समिति मंगलवार से कलक्ट्रेट के सामने आमरण अनशन शुरू किया है। खेतड़ी मोड़ पर भी सभा का आह्वान किया गया। जिले को निरस्त करने पर चंवरा भाजपा मंडल के सभी पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है। पदाधिकारियों ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास करने वाली सरकार ने उदयपुरवाटी उपखंड क्षेत्र को पीछे धकेलने का काम किया। नीमकाथाना जिला बनने पर पहाड़ी क्षेत्र के गांवों व ढाणियों में मूलभूत सुविधाओं की उम्मीद जगी थी। यह उम्मीद एक सपना बनकर ही रह गई।
केकड़ी जिले को निरस्त किए जाने के बाद जिला बार एसोसिएशन ने बैठक कर सरकार के फैसले का विरोध किया। बैठक में सर्वसम्मति से केकड़ी जिले का दर्जा बहाल करने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने का फैसला किया गया। दो जनवरी को केकड़ी में आक्रोश रैली निकाली जाएगी। हर महीने की 28 तारीख को ब्लैक डे मनाने तथा न्यायिक कार्य के दौरान काली पट्टी बांधकर विरोध जताने का भी निर्णय किया गया। तीन जनवरी से 10 दिन तक केकड़ी न्यायालय परिसर में सुबह 10 से दोपहर 12 तक सांकेतिक धरना दिया जाएगा।