भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की ताजपोशी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मैं आज भाजपा के हर कार्यकर्ता से कहना चाहती हूं कि अगर मेहनत करोगे, पार्टी के साथ खड़े रहोगे तो पार्टी आपका ध्यान रखेगी।
Rajasthan Politics: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद की चुनाव प्रक्रिया शनिवार को संपन्न हो चुकी है। बीजेपी ने एक बार फिर मदन राठौड़ को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंपी है। गौरतलब है कि मदन राठौड़ के अलावा अन्य किसी ने प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया था। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की ताजपोशी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि मैं आज भाजपा के हर कार्यकर्ता से कहना चाहती हूं कि अगर मेहनत करोगे, पार्टी के साथ खड़े रहोगे तो पार्टी आपका ध्यान रखेगी। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने संबोधित करते हुए कहा कि अगर हमें मदन राठौड़ के कार्यकाल को सफल बनाना है तो 'एक जुट, नो गुट और एक मुख' होकर चलना होगा। तभी हम संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत कर पाएंगे।
वसुंधरा राजे ने राजस्थान भाजपा प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल के भाषण का भी जिक्र करते हुए कहा कि राधा मोहन को आज मैंने पहली बार सुना। आपको सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा, मजा आया। कोई डिप्लोमेसी नाम की चीज नहीं है। सीधे-सीधे जो बोलना है वो बोल देते हैं। इन्होंने संगठन और सत्ता के तराजू को बैलेंस करने का काम किया। मैं आपको बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहती हूं।
वसुंधरा राजे ने मदन राठौड़ की राजनीति जीवन के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि मैं मदन राठौड़ को काफी लंबे समय से जानती हूं। उनके राजनीति जीवन में काफी अप्स एंड डाउन्स आए। हम आपके साथ तब भी खड़े थे और आज भी खड़े हैं। पार्टी कार्यकर्ता अगर मेहनत करेगा, पार्टी के साथ खड़े रहेगा तो पार्टी आपका ध्यान रखेगी। मदन राठौड़ का हमारे बीच बैठना हम सबको यही दिखाता है।
राजे ने कहा कि हमने एक ऐसे व्यक्ति को अध्यक्ष चुना है, जिसके खिलाफ किसी ने भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया। उम्मीद करते है कि प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ सभी को साथ लेकर चलेंगे। मदन राठौड़ कर्मठ, समर्पित, संस्कारी, सेवाभावी, ईमानदार व्यक्ति हैं।
पूर्व सीएम राजे ने पिछली बार ताजपोशी के समय कहीं गई बातों को दोहराते हुए कहा कि प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ ने पिछली बार 3 अगस्त को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था। तब मैंने कहा था कि पद, मद और कद। मैं आपको आज आपसे वही बात दोहराते हुए कहना चाहती हूं कि पद का मद तो हो जाता है, लेकिन उसका कद तब अपने आप में ही कम हो जाता है।