
आराध्य देव ठाकुर गोविंद देवजी (फोटो- पत्रिका)
जयपुर: नए साल के पहले दिन अधिकांश श्रद्धालु अपने दिन की शुरुआत देवदर्शन से करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रबंधन एवं पुलिस प्रशासन दर्शनों के लिए विशेष व्यवस्थाएं करने में जुट गया है, ताकि श्रद्धालुओं को सुगम, सुरक्षित एवं व्यवस्थित दर्शन हो सकें। मंदिर में देवउठनी एकादशी और दीपावली की तर्ज पर दर्शन व्यवस्था लागू रहेगी। इस दिन विभिन्न झांकियों के दर्शन समय में वृद्धि की गई है।
एक जनवरी को ठाकुर जी लगभग 8 घंटे 45 मिनट तक भक्तों को दर्शन देंगे। भक्तों की संख्या अधिक होने के कारण हर झांकी में 15 से 30 मिनट की अतिरिक्त वृद्धि भी संभव है। इससे यहां उमडऩे वाले सभी श्रद्धालुओं को ठाकुर जी के दर्शन का लाभ मिल सकेगा।
मंगला झांकी दो घंटे से अधिक समय के लिए रहेगी। मोतीडूंगरी गणेश जी मंदिर, राधादामोदर जी मंदिर, गोपीनाथ जी मंदिर, इस्कॉन मंदिर, खोल के हनुमान जी और जगतपुरा कृष्ण बलराम मंदिर में भी बड़ी संख्या में भक्त पहुंचेंगे।
दर्शनार्थियों का प्रवेश केवल मंदिर के मुख्य द्वार से होगा। जय निवास बाग से प्रवेश पूर्णत: निषेध रहेगा। मंदिर में जूता-चप्पल खोलने की कोई व्यवस्था नहीं होगी। दर्शन कर सभी श्रद्धालु बड़ी परिक्रमा करते हुए मंदिर मुख्य द्वार से बाहर निकलेंगे। कंवर नगर एवं ब्रह्मपुरी की ओर से आने वाले श्रद्धालु जय निवास उद्यान-जनता मार्केट मार्ग से प्रवेश कर दर्शन के बाद चिंताहरण हनुमान जी की ओर से निकास कर सकेंगे।
मोतीडूंगरी गणेश जी मंदिर में गणेश चतुर्थी की तरह दर्शनों के लिए विशेष इंतजाम रहेंगे। महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि साल के पहले दिन भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट ने पहले से तैयारियां पूरी कर ली हैं। दर्शन व्यवस्था को इस बार पूरी तरह गणेश चतुर्थी की तर्ज पर रखा गया है। ताकि श्रद्धालु सुगम और सुरक्षित दर्शन कर सकें।
बीते वर्ष उमड़ी भारी भीड़ के अनुभव से सबक लेते हुए इस बार मंदिर परिसर और मार्गों पर स्थायी लोहे की बैरिकेडिंग की गई है। इससे भीड़ प्रबंधन में आसानी होगी और दर्शनार्थियों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। महंत शर्मा ने बताया कि नए साल के अवसर पर दर्शन व्यवस्था पूरी तरह सुव्यवस्थित रहेगी। श्रद्धालुओं के प्रवेश के लिए सात अलग-अलग लाइनें बनाई गई हैं। जबकि मंदिर से बाहर निकलने के लिए आठ निकासी मार्ग निर्धारित किए गए हैं।
सुबह पांच बजे मंगला आरती के साथ दर्शन शुरू होंगे और रात नौ बजे शयन आरती के साथ समापन होगा। पूरे दिन भक्त बिना किसी बाधा के भगवान गजानन के दर्शन कर सकेंगे। भगवान गणेश स्वर्ण मुकुट धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे। इसके साथ ही मनमोहक श्रृंगार और विशेष पोशाक श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहेगी।
छप्पन भोग अर्पित किया जाएगा। विशेष प्रसाद व्यवस्था भी की गई है। सुरक्षा के लिहाज से मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में करीब 72 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाएगी। इसके साथ ही पुलिस जाप्ता भी तैनात रहेगा, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
झांकी एवं दर्शन व्यवस्था
| क्रमांक | झांकी का नाम | दर्शन का समय | अवधि |
|---|---|---|---|
| 1 | मंगला झांकी | प्रातः 04:00 से 06:30 बजे | 2 घंटे 30 मिनट |
| 2 | धूप झांकी | प्रातः 07:00 से 08:45 बजे | 1 घंटा 45 मिनट |
| 3 | शृंगार झांकी | प्रातः 09:30 से 10:15 बजे | 45 मिनट |
| 4 | राजभोग झांकी | प्रातः 10:45 से 11:45 बजे | 1 घंटा |
| 5 | ग्वाल झांकी | सायं 04:45 से 05:15 बजे | 30 मिनट |
| 6 | संध्या झांकी | सायं 05:45 से 07:15 बजे | 1 घंटा 30 मिनट |
| 7 | शयन झांकी | रात्रि 07:45 से 08:30 बजे | 45 मिनट |
Updated on:
30 Dec 2025 08:55 am
Published on:
30 Dec 2025 08:53 am
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