जयपुर की आयुषी गुप्ता की एक साधारण ओला बाइक राइड ने उन्हें जिंदगी का गहरा सबक सिखाया।
जयपुर। एक साधारण ओला बाइक राइड ने जयपुर की आयुषी गुप्ता को जीवन का गहरा सबक सिखाया। लिंक्डइन पर शेयर की गई उनकी पोस्ट अब वायरल हो चुकी है, जिसमें उन्होंने सहानुभूति की उस भावना को बयां किया जो अक्सर अनदेखी रह जाती है।
दरअसल, आयुषी गुप्ता नाम की युवती ने अपने ऑफिस से घर लौटने के लिए ओला बाइक बुक की थी। सफर के दौरान अचानक बाइक बीच रास्ते में रुक गई, क्योंकि पेट्रोल खत्म हो गया था। इसके बाद दोनों करीब एक किलोमीटर तक पैदल चले। आयुषी ने सोचा कि ड्राइवर के लिए यह स्थिति मुश्किल होगी, लेकिन उसने इसे शाम की सैर समझा।
पंप पर पेट्रोल भरवाने के बाद ड्राइवर ने उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाया। किराया 101 रुपए दिख रहा था, जिसे आयुषी ने चुका दिया और घर की ओर बढ़ीं। तभी ड्राइवर ने उन्हें वापस बुलाया और कहा कि 7 रुपए और देने होंगे क्योंकि पेट्रोल पंप की अतिरिक्त दूरी जुड़ गई। आयुषी ने पैसे दिए, लेकिन मन परेशान हो उठा। घर पहुंचते ही वे अपनी मां के सामने रो पड़ी। उन्होंने बताया कि 7 रुपए की वजह से नहीं, बल्कि इसलिए रोई क्योंकि लगा कि उनकी सहानुभूति और धैर्य को ड्राइवर ने नजरअंदाज कर दिया।
इस पर उनकी मां ने समझाया कि जो लोग संघर्ष में जिंदगी जी रहे होते हैं, वे अक्सर दूसरों की दयालुता को नहीं देख पाते। आयुषी ने अपनी इस घटना को लिंक्डइन पर साझा करते हुए लिखा कि इस पल ने मुझे सिखाया कि सहानुभूति लेन-देन नहीं होती। जो लोग जीवन के संघर्ष में हैं, वे सिर्फ अपनी जरूरतें देख पाते हैं। उन्होंने कहा कि वे फिर भी दया चुनेंगी, चाहे कोई नोटिस करे या नहीं।
इस पोस्ट पर यूजर्स की कई प्रतिक्रियाएं आईं। एक ने लिखा कि आंखें खोल देने वाला नजरिया। एक यूजर ने ड्राइवर का पक्ष लेते हुए लिखा कि 7 रुपए न दिए होते तो ऐप में नुकसान दिखता, जो उसकी कमाई का सवाल था। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि यह कहानी एक नजरिया दिखाती है कि दयालुता की उम्मीद किए बिना भी इंसानियत बरकरार रह सकती है।