देश का पहला सिस्टम मुम्बई में 2026 में लगेगा। रियल-टाइम प्रदूषण डेटा बताएगा।
AI-based Air Quality System: जयपुर. देश में पहली बार किसी शहर में मोहल्ले-मोहल्ले तक का रियल-टाइम प्रदूषण डेटा देने वाला एआई सिस्टम लगने जा रहा है। ब्रिहन्मुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ( BMC )और आईआईटी कानपुर के सहयोग से तैयार हो रहा ‘मुंबई एयर नेटवर्क फॉर एडवांस्ड साइंसेज’ (MANAS) जून 2026 तक पूरी तरह चालू हो जाएगा। अभी मुंबई में सिर्फ 10-12 सीपीसीबी स्टेशन पूरे शहर का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई ) बताते हैं, MANAS में 75 हाई-टेक लो-कॉस्ट सेंसर लगाए जाएंगे जो अलग-अलग इलाकों (चेंबूर, अंधेरी, वर्ली, धारावी आदि) का अलग एक्यूआई दिखाएंगे।
आईआईटी कानपुर का खास एआई मॉडल इन सेंसरों के डेटा को तुरंत एनालाइज करेगा और बताएगा कि प्रदूषण कहां से आ रहा है ट्रैफिक से, कंस्ट्रक्शन से, फैक्ट्री से या कचरा जलाने से। साथ ही 48 से 72 घंटे पहले ही अलर्ट दे देगा कि कब और कहां प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचेगा। बीएमसी अधिकारियों का दावा है कि इस सिस्टम से टारगेटेड एक्शन जैसे लोकल वाटर स्प्रिंकलिंग, ट्रैफिक डायवर्शन और इंडस्ट्री पर तुरंत कार्रवाई हो सकेगी। विशेषज्ञों के अनुसार मुंबई का पीएम २.५ लेवल 20-30 प्रतिशत तक कम हो सकता है। सबसे बड़ी बात आम मुंबईकर अपने मोबाइल ऐप या वेब डैशबोर्ड पर लाइव देख सकेंगे कि उनकी गली का एक्यूआइ इस वक्त कितना है।
सभी 75 सेंसर इंस्टॉल
मार्च 2026 तक टेस्टिंग और कैलिब्रेशन
जून 2026 पब्लिक लॉन्च
कुल लागत करीब 18 करोड़ रुपए
जयपुर में फुल-फ्लेज्ड एआई सिस्टम अभी MANAS जैसा नहीं है, लेकिन नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत 2026 तक पीएम १0 में 40 फीसदी कमी का टारगेट है। आरएसपीसीबी 2025 में एनसीआर बॉर्डर (अलवर-जयपुर) पर 4 नए CAAQMS जोड़ रहा है, जो एआई फोरकास्टिंग से लिंक होंगे। आईआईटी कानपुर (MANAS डेवलपर) का पुराना पार्टनरशिप नए एआई मॉडल के लिए आधार बन सकता है—जैसे हाइपरलोकल डेटा के लिए 50 से अधिक सेंसर एक्सपैंड करना। 'हरियालो राजस्थान' अभियान (8.49 करोड़ पौधारोपण) के साथ इंटीग्रेट करके एआई से ग्रीन स्पेस का असर ट्रैक किया जाएगा।