Shahari Seva Shivir : राजस्थान सरकार ने शहरी सेवा शिविर में शहरवासियों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर ली है। लीज पर 100 फीसदी ब्याज माफ, छोटे भूखंड वालों को 75 फीसदी तक राहत मिलेगी। जानें और बहुत कुछ है।
Shahari Seva Shivir : राजस्थान सरकार ने शहरी सेवा शिविर (Shahari Seva Shivir) में शहरवासियों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर ली है। नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग की और से तैयार प्रस्ताव में सरकार ने इस बार गरीब वर्ग को सर्वाधिक लाभ, मध्यम वर्ग को कम राहत और उच्च आय वर्ग को आंशिक छूट देने का प्रावधान रखा है। बकाया लीज राशि पर ब्याज की 100 फीसदी, छोटे भूखंडधारकों को रिन्यूअल व रूपांतरण शुल्क में 75 प्रतिशत तक की छूट, प्रीमियम दरों में कमी और भवन निर्माण स्वीकृति के लिए शर्तें आसान की जा रही हैं।
खास यह भी है कि 69ए के पट्टे के लिए 200 की जगह 100 रुपए प्रति वर्गमीटर शुल्क ही लिया जाएगा। कोई भी अफसर मौका निरीक्षण करने नहीं जाएंगे। सरकार इसे रविवार या सोमवार को फाइनल करके आदेश जारी कर देगी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने भी प्रशासन शहरों के संग अभियान में कई बड़ी छूट दी थी। शिविर 17 सितम्बर से 17 अक्टूबर तक लगेंगे।
1- बकाया लीज राशि पर राहत : 2025–26 तक की बकाया लीज राशि एकमुश्त जमा कराने पर 100 प्रतिशत ब्याज माफ। 31 दिसम्बर 2025 तक फ्रीहोल्ड प्रमाण पत्र लेने पर बकाया राशि में 60 प्रतिशत तक छूट।
2- पुनर्ग्रहण शुल्क में रियायत : निर्धारित समय पर निर्माण नहीं करने वालों (पुनर्ग्रहण शुल्क) को भी बड़ी रियायत देना प्रस्तावित है।
-250 वर्गमीटर तक : 75 प्रतिशत छूट
-251-500 वर्गमीटर : 50 प्रतिशत
-501–1000 वर्गमीटर : 25 प्रतिशत
3- प्रीमियम दरों में कमी - 1 अप्रेल, 2021 से बढ़ी प्रीमियम दरों को आंशिक रूप से घटा रहे।
-100 वर्गमीटर तक- 25 प्रतिशत छूट
-101–200 वर्गमीटर- 15 प्रतिशत छूट
4- निर्माण स्वीकृति और जी-1 अनुमति..
-जी 1 मंजिल तक मकान निर्माण की स्वीकृति पर भवन मानचित्र शुल्क में 50 प्रतिशत छूट।
-नक्शा स्वीकृति शुल्क घटाकर केवल 30 रुपये प्रति वर्गमीटर कर रहे हैं।
5- उपविभाजन व पुनर्गठन शुल्क- 75 प्रतिशत तक छूट: आवासीय में 75 रुपए प्रति वर्गमीटर की जगह अब 19 से 57 रुपए वर्गमीटर दर ही ली जाएगी। 250 वर्गमीटर तक 19 रुपए, 251- 500 वर्गमीटर तक 38 प्रति वर्गमीटर, 501 से 1000 वर्गमीटर तक 57 रुपए प्रति वर्गमीटर लिए जाएंगे।
6- व्यावसायिक और औद्योगिक भूखंड : गैर-आवासीय से व्यावसायिक रूपांतरण पर 20-40 प्रतिशत तक राहत।
-औद्योगिक भूखंडों में रूपांतरण शुल्क में 50 प्रतिशत तक की कमी।
7- फ्रीहोल्ड, लीज प्रमाण पत्र और रजिस्ट्री : फ्रीहोल्ड सर्टिफिकेट लेने वालों को केवल 10 वर्ष की न्यूनतम राशि जमा करनी होगी। पंजीकरण शुल्क और स्टाम्प ड्यूटी पर भी राहत।छूट के दायरे में ये भी
-कच्ची बस्ती के भूखंडधारी
-ईडब्ल्यूएस, एलआइजी, पुनर्वास भूखंडधारी।
कृषि भूमि पर बसी हुई कॉलोनियां, जिनमें सु-मोटो धारा 90ए या 90बी की प्रक्रिया होकर ले-आउट प्लान स्वीकृति हो चुके हैं, ऐसी कॉलोनियों के भूखण्डों के शेष रहे पट्टे जारी करने पर शहरी सेवा शिविर को प्रथम कैम्प मानेंगे। इन्हें ब्याज में शत-प्रतिशत छूट देना है।
ऐसी कॉलोनियां, जो कृषि भूमि पर बसी हुई हैं और जिनमें सु-मोटो धारा 90ए या 90बी की प्रक्रिया पूरी होकर ले-आउट प्लान पहले ही स्वीकृत हो चुका है, वहां यह राहत मिलेगी। इन कॉलोनियों में यदि किसी भूखंड को बार-बार अपंजीकृत दस्तावेज (एग्रीमेंट) से खरीदा गया है, तो अंतिम खरीदार को पट्टा देते समय जुर्माने से पूरी तरह छूट दी जाएगी।