Rajasthan News: अगस्त 2023 में गहलोत सरकार ने जयपुर को चार जिलों-जयपुर, जयपुर ग्रामीण, दूदू और कोटपूतली में विभाजित किया था। नई सरकार ने करीब 17 महीने बाद यह फैसला लिया है।
जयपुर। जयपुर जिले के प्रशासनिक ढांचे में बड़ा बदलाव करते हुए सरकार ने जयपुर, जयपुर ग्रामीण और दूदू जिलों को फिर से मिलाकर एक जिला बना दिया है। अब नए जयपुर जिले में 16 उपखंड और 21 तहसीलें होंगी।
अगस्त 2023 में गहलोत सरकार ने जयपुर को चार जिलों-जयपुर, जयपुर ग्रामीण, दूदू और कोटपूतली में विभाजित किया था। नई सरकार ने करीब 17 महीने बाद यह फैसला लिया है।
जयपुर से कोटपूतली और अलवर से बहरोड़ को अलग कर बनाए कोटपूतली-बहरोड़ जिले को सरकार ने यथावत रखा है। वर्तमान स्वरूप की बात करें तो पुराने जिले के हिसाब से सिर्फ कोटपूतली को ही जयपुर से अलग किया गया है।
उपखंड: जयपुर, सांगानेर, आमेर, बस्सी, चाकसू, जमवारामगढ़, चौमूं, सांभरलेक, माधोराजपुरा, रामपुरा डाबडी, किशनगढ़-रेनवाल, जोबनेर, शाहपुरा, फागी, दूदू और मौजमाबाद।
तहसील: मौजमाबाद, दूदू, फागी, शाहपुरा, जोबनेर, किशनगढ़-रेनवाल, रामपुरा डाबड़ी, माधोराजपुरा, फुलेरा, चौमूं, आंधी, जमवारामगढ़, कोटखावदा, चाकसू, तूंगा, बस्सी, जालसू, सांगानेर, कालवाड़, आमेर और जयपुर।
पिछले 17 महीनों में जयपुर ग्रामीण और दूदू जिलों के लिए कोई ठोस बुनियादी ढांचा नहीं बना। जयपुर कलक्टर के पास ही इन जिलों का अतिरिक्त चार्ज रहा और लोगों को अपने काम के लिए जयपुर मुख्यालय ही आना पड़ा। वर्ष 2023 में बने नए जिलों को सुविधाएं देने में सरकार असफल रही। न तो कार्यालय खोले गए और न ही जिला स्तर की योजनाएं लागू की गईं।
नए बदलाव के बाद जयपुर जिले की सीमा फिर से 100 किमी तक फैल गई है। एक जिला कार्यालय अब 70 लाख की आबादी की जरूरतें पूरी करेगा। पहले 32 लाख की आबादी पर एक जिला कार्यालय की योजना थी। हालांकि 70 लाख की आबादी के लिए एक ही जिला कार्यालय में कार्य चुनौतीपूर्ण होगा।
अब जयपुर जिले में एक ही कलक्टर और जिला परिषद रहेगी। जयपुर ग्रामीण और दूदू जिलों के विभागीय कार्यालयों को भी वापस जयपुर जिले में मर्ज किया जाएगा।