जाखम बांध में गेट लगे हुए नहीं है। ऐसे में बांध के लबालब होते ही चादर चलती है। बुधवार सुबह नौ बजे बांध अपनी भराव क्षमता को छू गया है। इसके बाद बांध में धीरे-धीरे चादर चलना शुरू हुआ।
जयपुर। पिछले कुछ दिनों से राजस्थान में मानसून भले से सक्रिय नहीं रहा हो, लेकिन राजस्थान का सबसे ऊंचा बांध बुधवार सुबह नौ बजे लबालब हो गया और पांच सेंटीमीटर की चादर चल पड़ी है।
उदयपुर संभाग के प्रतापगढ़ जिले में स्थित जाखम बांध की भराव क्षमता 31 मीटर है। मंगलवार को बांध में 30.95 मीटर पानी आ चुका था। ऐसे में बुधवार को बांध में चादर चलने की उम्मीद जग गई थी। बुधवार सुबह नौ बजे बांध लबालब हो गया।
बांध में गेट नहीं, चलती है चादर
जाखम बांध में गेट लगे हुए नहीं है। ऐसे में बांध के लबालब होते ही चादर चलती है। बुधवार सुबह नौ बजे बांध अपनी भराव क्षमता को छू गया है। इसके बाद बांध में धीरे-धीरे चादर चलना शुरू हुआ। सुबह दस बजे तक बांध में पांच सेंटीमीटर की चादर चल पड़ी।
22 वीं बार छलका है जाखम
31 मीटर भराव क्षमता वाला जाखम बांध अब तक 21 बार छलक चुका है। पिछली बार बांध 2022 में भी छलका था। जाखम बुधवार को सुबह नौ बजे 22 वीं बार छलक गया है।
इस बार भी छलकने की थी पूरी उम्मीद
जाखम बांध के अधिकारी बताते हैं कि हमें इस बार जाखम बांध के छलकने की पूरी उम्मीद थी। जाखम बांध के एक्सईएन चन्द्रप्रकाश मेघवाल ने बताया कि बांध में पानी की रफ्तार तेज थी। बुधवार सुबह नौ बजे बांध में चादर चलना शुरू हो गया था। सुबह करीब दस बजे बांध की चादर पांच सेंटीमीटर चल रही थी।