जयपुर

Rajasthan New Districts: राजस्थान के 17 जिलों पर नया अपडेट, इन नए जिलों को रद्द कर सकती है सरकार

Rajasthan New District Latest update: राजस्थान के 17 नए जिले और 3 संभागों पर मंथन लगभग पूरा हो गया है। विधानसभा उपचुनावों के बाद बैठक होगी।

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Nov 08, 2024

Rajasthan New District: जयपुर। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय नए बने 17 जिले और 3 संभागों की समीक्षा के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी इस माह के अंत तक अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप सकती है। कमेटी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक नए जिलों को लेकर मंथन लगभग पूरा हो चुका है। कमेटी की अब एक और बैठक होगी, जिसमें रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा। उसके बाद कमेटी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।

प्रदेश में 7 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के बाद बैठक बुलाई जाएगी। बताया जा रहा है कि कमेटी नए बने 17 जिलों में 5 से ज्यादा कम करने पर मंथन कर रही है। समीक्षा कर रही कमेटी का गठन 12 जून को उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के संयोजन में किया गया था। अब उन्हें हटाकर संयोजक शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को बनाया गया है। इस कमेटी की आखिरी बैठक 18 सितंबर को हुई थी।

नेता प्रतिपक्ष ने उठाए थे सरकार की मंशा पर सवाल

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने हाल ही नए जिलों की समीक्षा को लेकर राज्य सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने इस विषय पर विचार के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने तक की मांग कर दी है।

छोटे जिलों पर संकट

सूत्रों की माने तो कमेटी छोटे जिलों को खत्म करने या फिर मर्ज करने की सिफारिश कर सकती है। पूर्व में कमेटी ने भी छोटे जिलों पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि एक विधानसभा क्षेत्र जितने इलाके को जिला बना दिया, ऐसे तो सभी विधानसभा क्षेत्रों के हिसाब से 200 जिले बनाने पड़ जाएंगे।

यूं बदले कमेटी संयोजक

कमेटी को नए बने दूदू को जिला बनाए रखने या समाप्त करने पर फैसला करना है। दूदू के जिला बने रहने पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि राज्य सरकार ने इसी कारण बैरवा की जगह मदन दिलावर को कमेटी का संयोजक बनाया है।

इन जिलों में हुआ था विरोध

छोटे जिलों पर संकट की आशंका के बीच सितम्बर में दूदू, सांचोर, गंगापुर सिटी, शाहपुरा और केकड़ी में विरोध-प्रदर्शन और आंदोलन हुए। सांचोर में तो पूर्व मंत्री कांग्रेस नेता सुखराम विश्नोई भूख हड़ताल पर भी बैठे थे।

इसी तरह गंगापुर सिटी में कांग्रेस विधायक और विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता रामकेश मीना कलक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे थे। केकड़ी और शाहपुरा में सामाजिक संगठनों के साथ कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने भी विरोध प्रदर्शन करते हुए जिले यथावत रखने की मांग मुख्यमंत्री से की थी। चर्चा है कि भजनलाल सरकार इन जिलों को रद्द कर सकती है।

इनका कहना है…

नए जिलों की समीक्षा का काम लगभग पूरा हो गया है, एक और बैठक होगी जिसमें सभी की सहमति से रिपोर्ट तैयार अपनी सिफारिश सरकार को भेज देंगे। उसके बाद मुख्यमंत्री इस पर फैसला लेंगे।
-मदन दिलावर, संयोजक कैबिनेट सब कमेटी

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