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Rajasthan New Districts: राजस्थान के 17 नए जिलों में से कितने होंगे रद्द? उपचुनाव बाद तस्वीर होगी साफ

New Districts in Rajasthan: नए जिलों की समीक्षा के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी इसी माह के अंत तक अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप सकती है। कमेटी से जुड़े सूत्रों ने भी इसके संकेत दिए हैं।

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BHAJANLAL GOVERNMENT: जयपुर। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय बने नए जिलों की समीक्षा के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी इसी माह के अंत तक अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप सकती है। कमेटी से जुड़े सूत्रों ने भी इसके संकेत दिए हैं। बताया जा रहा है कि 17 नए जिलों को लेकर मंथन लगभग पूरा हो चुका है।

कमेटी की अब एक और बैठक होगी जिसमें रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा और उसके बाद रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी। हालांकि प्रदेश में सात सीटों पर हो रहे उपचुनाव के चलते कमेटी की बैठक नहीं हो पाई है, उपचुनाव संपन्न होने के बाद की बैठक होगी। इससे पहले कमेटी की आखिरी बैठक 18 सितंबर को मंत्री मदन दिलावर के संयोजन में हुई थी।

जूली ने भी उठाए थे सरकार की मंशा पर सवाल

वहीं नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी नए जिलों की समीक्षा को लेकर राज्य सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए थे। जूली ने इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी।

छोटे जिलों पर संकट

देखा जाएं तो दूदू, सांचौर, गंगापुर सिटी, शाहपुरा और केकड़ी छोटे जिले है। सूत्रों की माने तो कमेटी छोटे जिलों को खत्म करने या फिर मर्ज करने की सिफारिश कर सकती है। पूर्व में कमेटी ने भी छोटे जिलों पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि एक विधानसभा क्षेत्र जितने इलाके को जिला बना दिया, ऐसे तो 200 जिले बनाने पड़ जाएंगे।

बैरवा की जगह दिलावर को बनाया था संयोजक

दिलचस्प ये भी है कि पहले दूदू से विधायक और डिप्टी सीएम प्रेम चंद्र बैरवा को कमेटी का संयोजक बनाया गया था, लेकिन कमेटी को दूदू को जिला बनाए रखने या समाप्त करने पर फैसला करना है। कहा जा रहा है कि दूदू के जिला बने रहने पर संकट है। इसी बीच राज्य सरकार ने बैरवा की जगह मदन दिलावर को कमेटी का संयोजक बना दिया।

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इन जिलों में हुआ था विरोध

वहीं छोटे जिलों पर संकट की आशंका के बीच सितंबर माह में दूदू, सांचौर, गंगापुर सिटी, शाहपुरा और केकड़ी में विरोध-प्रदर्शन और आंदोलन भी हुए थे। सांचौर में तो कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई भूख हड़ताल पर बैठ गए थे तो गंगापुर सिटी में कांग्रेस विधायक और विधानसभा में उपनेता रामकेश मीना कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे थे। केकड़ी और शाहपुरा में सामाजिक संगठनों के साथ ही कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने भी विरोध प्रदर्शन करते हुए जिले यथावत रखने की मांग मुख्यमंत्री से की थी।

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