राजस्थान में सरकार बदलने के बाद भी कर्मचारियों के लिए सबसे चर्चित विषय ओल्ड पेंशन स्कीम ( पुरानी पेंशन योजना ) को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट नहीं हुआ है।
राजस्थान में सरकार बदले हुए करीब पांच माह हो चुके हैं, लेकिन कर्मचारियों के लिए सबसे चर्चित विषय ओल्ड पेंशन स्कीम ( पुरानी पेंशन योजना ) को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट नहीं हुआ है। प्रदेश के भाजपा और कांग्रेस के आठ विधायक सरकार से यह सवाल पूछ चुके हैं कि ओपीएस जारी रहेगी या फिर से एनपीएस लागू होगी।
सोलहवीं विधानसभा के प्रथम सत्र में जनवरी में विधायकों ने सदन में यह सवाल लगाया था। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक गोविन्द सिंह डोटासरा, इंद्रा, हरीश मीना, घनश्याम, मनीष यादव, गणेश घोघरा, जेठानन्द व्यास, सी एल प्रेमी ने सरकार से यह सवाल किया है कि ओपीएस लागू रहेगी या फिर एनपीएस लागू होगी? विधायकों ने यह भी सवाल किया है कि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होने से 2004 के बाद के कितने कर्मचारियों को यह फायदा मिला है?
प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम भजनलाल सरकार के लिए गले की फांस बन गई है। नई नियुक्तियों में ओपीएस जारी रखना सरकार की मजबूरी बन गया है। हालांकि, विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने कभी भी ओपीएस का समर्थन नहीं किया था। लेकिन इस फैसले को बदलने से कर्मचारियों के बड़े वर्ग की नाराजगी सरकार को झेलनी पड़ सकती है। जिसके चलते सरकार ने अभी तक कोई रूख साफ नहीं किया है।