Bisalpur Dam Update : कैचमेंट एरिया से लगातार हो रही आवक के चलते बीसलपुर बांध इस बार सातवीं बार छलकने के करीब पहुंचने की उम्मीद है। इससे जिले के किसानों के साथ ही लोगों में खुशी का माहौल बना हुआ है।
Bisalpur Dam Update : कैचमेंट एरिया से लगातार हो रही आवक के चलते बीसलपुर बांध इस बार सातवीं बार छलकने के करीब पहुंचने की उम्मीद है। इससे जिले के किसानों के साथ ही लोगों में खुशी का माहौल बना हुआ है। बांध परियोजना के अनुसार कैचमेंट एरिया में पड़ने वाले राजसमंद, चित्तौड़गढ़ व भीलवाड़ा जिलों में हो रही बारिश के साथ ही निकटवर्ती क्षेत्र से पानी की आवक लगातार बनी हुई है। अब बांध छलकने में महज 4.2 टीएमसी पानी की आवश्यकता शेष बची हुई है।
बांध के जलभराव में सहायक भीलवाड़ा जिले के बिगोद स्थित त्रिवेणी का गेज 3.50 मीटर चल रहा है। इसी प्रकार जलभराव में सहायक कोठारी बांध पर 10 सेमी की चादर चल रही है, जो पानी बनास के जलस्तर को बढ़ाता है। इसी प्रकार बुधवार को जेतपुरा बांध के तीन गेट बंद कर अब एक गेट को एक फीट तक खोलकर पानी की निकासी की जा रही है।
इधर, डाई व खारी नदियों से भी लगातार पानी की आवक बनी हुई है। इससे जल्द ही बीसलपुर बांध छलकने की उम्मीद जगी हुई है। बांध के कन्ट्रोल रूम से प्राप्त जानकारी के अनुसार बांध क्षेत्र में बीते 24 घंटे के दौरान कुल 115 एम एम बारिश दर्ज की गई है। सीजन की अब तक कुल 1063 एम एम बारिश दर्ज की जा चुकी है।
बीसलपुर बांध का कुल जलभराव 315.50 आर एल मीटर है। इसमें 38.703 टीएमसी का जलभराव होता है। इसमें बुधवार रात 8 बजे तक 314.94 आर एल मीटर का गेज हो चुका है। वही 34.776 टीएमसी पानी भर चुका है। बांध के पूर्ण जलभराव में 21 हजार 300 हैक्टेयर भूमि जलमग्न होती है। इसमें कुल 68 गांव डूब में आते हैं। जिसमें 25 गांव पूर्णतया डूब जाते हैं वहीं 43 गांव आंशिक रूप से डूबते हैं जिनकी सिर्फ कृषि भूमि ही डूबती है। बांध बनने के बाद इस बार पूर्ण जलभराव होकर सातवीं बार छलकेगा। पूर्व में बांध 2004, 2006, 2014, 2016, 2019, 2022 में पूर्ण जलभराव होकर छलक चुका है। अब 2024 में छलकने के कगार पर पहुंच चुका है।
बीसलपुर बांध पूर्ण जलभराव के निकट पहुंचने के साथ ही इस बार बांध की दायीं व बायीं मुख्य नहर से जिले की 81 हजार 800 हैक्टेयर भूमि में सिंचाई की आस पूरी हो चुकी है। बांध से सिंचाई के बाद ज़िले में करीब एक हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त पैदावार होती है। जिसको लेकर किसानों में खुशहाली का माहौल बना हुआ है।