
टोंक जिले के धुवांकला कस्बे की प्राचीन मोतीसागर बांध से प्रदेश में खासी पहचान है। इसी पहचान को चार चांद लगा रहा है बियावान जंगल के बीचों-बीच स्थित पन्द्रह सौ साल पुराना जन-जन की आस्था का केन्द्र गंगेश्वर महादेव मंदिर, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते है।
लगभग 7 दशक पूर्व 13 बुर्जो पर बना 17 फीट भराव क्षमता वाला मोतीसागर बांध बारिश में लबालब होने के बाद मिनी बीसलपुर के समान नजर आने लगता है। लबालब होकर तेरह बुर्जो पर चलने वाली चादर सैलानियों को आकर्षित तो करती है। बुर्जो के नीचे बने कुंड़ सैलानियों की मौज मस्ती करने का जरिया बन जाते है।
बारिश के बाद टोंक जिला ही नहीं बल्कि यहां प्रदेश के सैलानियों की भीड़ लगी रहती है। मोतीसागर बांध का पानी मुख्यत सिंचाई व पेयजल के रूप में काम लिया जाता है। बांध स्थानीय किसान-निवासियों का महत्वपूर्ण संसाधन है, जो जल की आवश्यकता पूर्ण करता है।
Updated on:
04 Sept 2024 07:19 pm
Published on:
04 Sept 2024 07:18 pm
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