Cabinet Meeting: राजस्थान कैबिनेट ने ‘जन विश्वास अध्यादेश 2025’ को मंजूरी देते हुए छोटे तकनीकी उल्लंघनों में कारावास की सजा खत्म कर केवल जुर्माना रखने का फैसला किया। किशनगढ़ एयरपोर्ट विस्तार, अनुकंपा नियुक्ति अवधि बढ़ाने सहित प्रवासी, ट्रेड प्रमोशन और पर्यटन की नई नीतियां भी लागू की गईं।
Rajasthan Cabinet Meeting: जयपुर: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में ‘ईज ऑफ लिविंग’ और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को मजबूत करने के लिए राजस्थान जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश 2025 लाने को मंजूरी दी गई।
इससे छोटे या तकनीकी उल्लंघनों पर दी जाने वाली कारावास की सजा हटाकर केवल जुर्माने का प्रावधान किया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि अध्यादेश के तहत 11 अधिनियमों से आपराधिक दंड हटाए जा रहे हैं, जिससे मुकदमेबाजी में कमी आएगी और आमजन व कारोबारियों को राहत मिलेगी। यह अध्यादेश केंद्र के जन विश्वास अधिनियम 2023 की तर्ज पर तैयार किया गया है।
कैबिनेट ने किशनगढ़ एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 15 एकड़ भूमि नि:शुल्क देने को मंजूरी दी। इससे 900 मीटर लंबी एप्रोच लाइट्स लग सकेंगी। कोहरे और रात में भी उड़ान सुरक्षित रहेगी। इसे जयपुर का वैकल्पिक एयरपोर्ट बनाया जाएगा।
अनुकंपा नियुक्ति : आवेदन समय सीमा 90 से बढ़ाकर 180 दिन की गई।
प्रतियोगी परीक्षाएं : आरक्षित सूची से चयन की अवधि छह महीने से बढ़ाकर 1 वर्ष की गई।
मोटर वाहन उप निरीक्षक पद : उच्चतर योग्यता वाले अभ्यर्थी भी पात्र, ऑटोमोबाइल वर्कशॉप अनुभव और भारी वाहन लाइसेंस की अनिवार्यता समाप्त।
प्रवासी राजस्थानी नीति : प्रवासी राजस्थानियों के योगदान, निवेश और भावनात्मक जुड़ाव को बढ़ाने पर केंद्रित।
राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी : छोटे व्यापारियों के लिए नए अवसर और मार्केट एक्सेस बढ़ाने को प्रोत्साहित करेगी।
राजस्थान पर्यटन नीति : निवेश आकर्षित करने, पर्यटन अवसंरचना बढ़ाने और रोजगार सृजन के उद्देश्य से।
राजस्थान वन अधिनियम 1953 : वन भूमि में मवेशी चराने पर अब केवल जुर्माना लगेगा। कारावास का प्रावधान हटाया। यह आदिवासी और ग्रामीणों को बड़ी राहत देने के लिए किया गया।
उद्योग सहायता अधिनियम 1961 : बहीखाते व दस्तावेज न प्रस्तुत करने जैसे छोटे उल्लंघनों पर कारावास का प्रावधान खत्म किया। अब केवल अर्थदंड रहेगा।
जयपुर वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड अधिनियम 2018 : पानी बर्बादी, बिना अनुमति कनेक्शन आदि पर अब केवल जुर्माना लगेगा। इसमें भी कारावास का प्रावधान हटाया।