भाजपा की तर्ज पर अब कांग्रेस ने भी राजस्थान के सभी जिलों में अपने कार्यालय बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
भाजपा की तर्ज पर अब कांग्रेस ने भी राजस्थान के सभी जिलों में अपने कार्यालय बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। लंबे समय तक केंद्र और राज्यों में सत्ता में रहने के बावजूद पार्टी ने अपने खुद के दफ्तरों के निर्माण पर खास ध्यान नहीं दिया। अधिकतर जिलों में कांग्रेस के दफ्तर किराए के भवनों में या अस्थाई व्यवस्थाओं पर चल रहे हैं, जिससे संगठनात्मक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने अब इस कमी को दूर करने का फैसला लिया है। इसके तहत जिला कांग्रेस कमेटी के लिए स्थायी भवनों का निर्माण कराया जाएगा। पार्टी ने इस कार्य के लिए एक विशेष कमेटी गठित कर दी है, जो जमीन चयन से लेकर अलॉटमेंट और निर्माण तक की पूरी प्रक्रिया संभालेगी। निर्माण की लागत पार्टी नेताओं के सहयोग और क्राउडफंडिंग से जुटाई जाएगी। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि इस अभियान में कोई भी व्यक्ति छोटी से छोटी राशि देकर योगदान कर सकता है।
फिलहाल राजस्थान में केवल छह जिलों में कांग्रेस कार्यालय के अपने भवन है। जिसमें सीकर, चित्तौड़गढ़, अलवर, जालोर, उदयपुर और बांसवाड़ा में कांग्रेस के अपने भवन हैं। बाकी जिलों में दफ्तर किराए के भवनों में चल रहे हैं और जयपुर सहित कई जिलों के किराए के लाखों रुपये बकाया हैं। पार्टी का मानना है कि अपने भवन होने से संगठनात्मक गतिविधियों में मजबूती आएगी और कार्यकर्ताओं को स्थायी मंच मिलेगा।
नवनियुक्त प्रदेश कोषाध्यक्ष रोहित बोहरा ने बताया कि भीलवाड़ा, राजसमंद और श्रीगंगानगर में जमीन अलॉटमेंट हो चुका है और जल्द ही यहां निर्माण कार्य शुरू होगा। अन्य जिलों में जमीन चयन की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है, जिसके बाद अलॉटमेंट कराया जाएगा। बोहरा ने कहा कि जनहित के सहयोग से, यानी क्राउडफंडिंग के जरिए, हम हमारे दफ्तरों का निर्माण करेंगे। कोई अगर पांच रुपए भी देना चाहेगा तो हम उसका योगदान स्वीकार करेंगे।
प्रदेश कांग्रेस ने जयपुर के मानसरोवर में नए मुख्यालय के निर्माण को भी प्राथमिकता पर रखा है। पार्टी का दावा है कि अगले दो वर्षों में मुख्यालय का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। संगठन का मानना है कि स्थायी भवन न केवल पार्टी की छवि मजबूत करेंगे, बल्कि कार्यकर्ताओं और जनता के बीच बेहतर समन्वय का केंद्र भी बनेंगे।