Rajasthan News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के ‘सच्ची आजादी’ वाले बयान के बाद देश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
Rajasthan News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के ‘सच्ची आजादी’ वाले बयान के बाद देश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस बयान को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बयानबाजी चल रही है। जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे संविधान और स्वतंत्रता संग्राम का अपमान बताते हुए मोहन भागवत पर गंभीर आरोप लगाए, वहीं, राजस्थान BJP प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ने राहुल गांधी के बयान को मूर्खता का परिचायक बताया है।
बताते चलें कि भागवत के बयान को लेकर सवाल इसलिए उठे क्योंकि उन्होंने कहा था कि राम मंदिर बनने के बाद भारत को सच्ची आजादी मिली। इस बयान को कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम और संविधान का अपमान बताते हुए आलोचना की।
राजस्थान भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने राहुल गांधी पर तीखा हमला किया। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर दो वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि कोई मूर्ख बात को जानबूझकर तोड़-मरोड़ कर पेश करे और मोहन भागवत पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाए, तो वह सिर्फ राहुल गांधी ही हो सकता है। मैं इसकी घोर निंदा करता हूं।
प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने राहुल गांधी को 'मूर्ख करार देते हुए उनके बयान को घटिया मानसिकता बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जानबूझकर संघ और भाजपा को बदनाम करने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं। प्रभारी अग्रवाल के इस ट्वीट के बाद फिर से बवाल मचा हुआ है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर बहस का नया मुद्दा बन गया है।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि राम मंदिर बनने के बाद भारत को सच्ची स्वतंत्रता मिली है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बयान को आधार बनाते हुए कहा कि भागवत का यह कहना कि आजादी अंग्रेजों से लड़ाई के बाद नहीं मिली, बल्कि राम मंदिर के निर्माण के बाद मिली, स्वतंत्रता संग्राम और संविधान का अपमान है। यह बयान राष्ट्रद्रोह के समान है। अगर ऐसा बयान किसी और देश में दिया जाता तो भागवत को गिरफ्तार कर उन पर मुकदमा चलता।
राहुल गांधी ने कहा कि मोहन भागवत ने संविधान और स्वतंत्रता संग्राम का सीधा अपमान किया है। उनका बयान न केवल हमारे मूल्यों के खिलाफ है, बल्कि हर भारतीय का अपमान भी है। यह समय है कि इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी को रोका जाए। ऐसे बयान देश को विभाजित करते हैं और संविधान की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं।