Delhi-Neemrana RRTS: दिल्ली-अलवर के बीच 164 किलोमीटर लंबे रैपिड रेल कॉरिडोर को तीन चरणों में बनाया जाएगा। पहले चरण में दिल्ली से नीमराणा तक 106 किलोमीटर का ट्रैक तैयार होगा। इसके बाद धीरे-धीरे इसे रेवाड़ी और अलवर तक बढ़ाया जाएगा।
जयपुर । राजस्थान के यात्रियों और उद्योग जगत के लिए जल्द ही एक बड़ी सौगात मिलने वाली है। केंद्र सरकार दिल्ली-हरियाणा-राजस्थान को जोड़ने वाले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर को जल्द कैबिनेट से मंजूरी देने वाली है। केंद्रीय ऊर्जा एवं आवास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को गुरुग्राम में यह ऐलान किया।
दिल्ली-अलवर के बीच 164 किलोमीटर लंबे रैपिड रेल कॉरिडोर को तीन चरणों में बनाया जाएगा। पहले चरण में दिल्ली से नीमराणा तक 106 किलोमीटर का ट्रैक तैयार होगा। इसके बाद धीरे-धीरे इसे रेवाड़ी और अलवर तक बढ़ाया जाएगा।
इस कॉरिडोर में एलिवेटेड ट्रैक और टनल दोनों शामिल होंगे। पूरे कॉरिडोर के बन जाने के बाद दिल्ली से अलवर तक का सफर सिर्फ 117 मिनट (करीब दो घंटे से भी कम) में पूरा किया जा सकेगा। अभी यह दूरी कार या बस से तय करने में 4-5 घंटे तक लग जाते हैं।
यह रैपिड रेल दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होकर मुनिरका, एयरपोर्ट एरोसिटी, गुरुग्राम, सोतना और रेवाड़ी होते हुए अलवर तक जाएगी। रास्ते में 22 स्टेशन होंगे। इनमें नीमराणा और अलवर सबसे अहम स्टेशन होंगे क्योंकि इन इलाकों से रोजाना हजारों लोग दिल्ली और गुरुग्राम कामकाज के लिए आते-जाते हैं।
नीमराणा पहले से ही जापानी औद्योगिक क्षेत्र (Japanese Industrial Zone) के लिए प्रसिद्ध है। यहां दर्जनों विदेशी कंपनियां स्थापित हैं। रैपिड रेल शुरू होने के बाद यहां निवेश और उद्योगों का और विस्तार होगा।
मनोहर लाल खट्टर ने कहा- "दिल्ली-नीमराणा कॉरिडोर शुरू होने के बाद राजस्थान के औद्योगिक इलाकों को सीधा फायदा मिलेगा। इससे रोजगार, व्यापार और आवागमन में बड़ी क्रांति आएगी।"
उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली और आसपास मेट्रो सेवाओं का नेटवर्क कितनी तेजी से बढ़ा है। 2014 में केवल 5 शहरों में 248 किलोमीटर मेट्रो लाइन थी, जबकि आज 24 शहरों में 1066 किलोमीटर मेट्रो चल रही है। आने वाले समय में भारत दुनिया में सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क वाला देश बनने की ओर है।
इस परियोजना से राजस्थान के लोगों को दिल्ली तक पहुंचने में होने वाली परेशानी काफी कम हो जाएगी। नीमराणा, रेवाड़ी और अलवर जैसे शहरों के युवाओं को रोजाना जॉब और बिजनेस के लिए दिल्ली-गुरुग्राम जाने में आसानी होगी।
इसके अलावा इस कॉरिडोर से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली और एनसीआर से हजारों सैलानी सीधे राजस्थान के ऐतिहासिक अलवर और सरिस्का नेशनल पार्क तक पहुंच सकेंगे।
विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले वर्षों में यदि इस कॉरिडोर को जयपुर तक बढ़ाया जाता है तो यह दिल्ली-जयपुर हाई-स्पीड कनेक्टिविटी का सबसे बड़ा साधन बन सकता है। फिलहाल दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और दिल्ली-जयपुर वंदे भारत ट्रेन से आवागमन तेज हुआ है, लेकिन रैपिड रेल से सफर और सुविधाजनक होगा।