जयपुर

चार बेटियां होने पर पहली पत्नी को तलाक दिया, 7 वर्ष में दूसरी पत्नी से बच्चे नहीं हुए तो अशोक का किया अपहरण, दम्पती गिरफ्तार

पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ, एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश बिश्नोई, डीसीपी कावेन्द्र सिंह सागर सहित बच्चे जानकारी मिलने के बाद उसे अपहरणकर्ताओं से सकुशल मुक्त करवाने में जुटी टीम। बच्चे के माता-पिता ने अपने लाडले को वापस पाते ही कहा कि पुलिस हमारे लिए भगवान से कम नहीं। वारदात के तीसरे दिन 400 पुलिसकर्मी जुटे, तीन लाख मोबाइल नंबरों की डिटेल व 500 सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने के बाद बच्चे का अपहरण करने वाले दम्पती तक पहुंची पुलिसबी-2 बाईपास के पास फ्लाईओवर के नीचे से 9 माह के बच्चे के अपहरण का मामला

2 min read
May 31, 2024

पुलिस ने बी-टू-बाइपास पुलिया के नीचे से अपह्रत हुए 9 माह के अशोक का तीसरे दिन सुराग लगाया, बल्कि उसे एक दम्पती से सकुशल मुक्त करवाया। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि गिरफ्तार रमेश कुमार पिनारा (50) और उसकी पत्नी पायल (35) मुंडली शिवदासपुरा निवासी हैं।

आरोपी 27 मई की शाम साढ़े चार बजे मध्यप्रदेश निवासी हिम्मत सिंह के बेटे अशोक का अपहरण कर ले गए थे। डीसीपी ईस्ट कावेन्द्र सिंह सागर के नेतृत्व में डीएसटी, क्राइम ब्रांच व ईस्ट जिला पुलिस बच्चे की तलाश में जुटी। पुलिस ने घटना वाले दिन और उससे दो दिन पहले की करीब 3 लाख मोबाइल नंबरों की जांच की और 500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, तब जाकर आरोपी दम्पती के संबंध में सुराग मिला। यह भी सामने आया कि आरोपी रमेश की पहली पत्नी के चार बेटियां हुई थी। सात वर्ष पहले उसने पहली पत्नी को तलाक दे दिया। चारों बेटियों को पहली पत्नी के साथ ही भेज दिया और खुद ने सात वर्ष पहले पायल से नाता प्रथा के चलते दूसरी शादी कर ली।आईबीएफ से भी नहीं हुआ बच्चा

डीसीपी कावेन्द्र सिंह सागर ने बताया कि रमेश और पायल ने बच्चे होना के लिए कई जगह दिखाया। एक बार पायल गर्भवती हुई तो उसके गर्भपात हो गया। आईबीएफ से भी उनके बच्चा नहीं हुआ। आरोपी दम्पती 24 मई को रमेश अपनी बहन से मिलकर पायल के साथ सास से मिलने दुर्गापुरा जा रहा था। तभी बी-टू बायपास पुलिया के नीचे छह सात बच्चों को खेलते देखकर वहां ठहर गए। वहां पर सबसे छोटा बच्चा अशोक ही थी। दोनों ने अशोक को बेटा बनाने के लिए अपहरण करने की साजिश रची। बच्चे के माता-पिता से जानकारी मिली कि 24 मई से एक दम्पती पुलिया के नीचे लगातार आ रहा था। दम्पती ने बच्चे के मां-बाप की पूरी जानकारी ली और खुद के संबंध में कुछ नहीं बताया। यहां तक की एक दिन मां-बाप को खाना भी खिलाया था।दौसा में मकान किराए से लिया, बाइक पर फर्जी नंबर लगाए

कावेन्द्र सिंह सागर ने बताया कि आरोपी रमेश ने साजिश के तहत पांच छह दिन पहले ही दौसा में किराए से मकान लिया और खुद की बाइक पर प्लेट पर फर्जी नंबर लगा लिए। ताकि पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके। अपहरण के बाद आरोपी मालवीय नगर तक पहुंचे और वहां से परकोटा चले गए। फिर ट्रांसपोर्ट नगर घाट की गुणी होते हुए बाइक से दौसा चले गए। दौसा में पायल और बच्चे को छोड़कर रमेश गांव लौट आया। गुरुवार सुबह से करीब 400 पुलिसकर्मी बच्चे की तलाश में जुटे थे। तभी पुलिस की तकनीकी टीम को शाम 5 बजे महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगा। टीम रमेश के गांव पहुंची तो वह मिल गया। पूछताछ में उसने बच्चा दौसा में पायल के पास होना बताया। दूसरी टीम दौसा में पायल से बच्चे को सकुशल मुक्त करवाया।इनकी महत्वपूर्ण भूमिका

एडिशनल डीसीपी आशाराम चौधरी, एसीपी आदित्य पूनियां, एयरपोर्ट थानाधिकारी लक्ष्मीनारायण, डीएसटी प्रभारी सरदार सिंह, तकनीकी शाखा में पदस्थापित कांस्टेबल गौरव सौलंकी, संजय राहड़ व अन्य पुलिसकर्मी

Updated on:
31 May 2024 02:21 am
Published on:
31 May 2024 02:13 am
Also Read
View All

अगली खबर