Khatipura railway station: खातीपुरा रेलवे स्टेशन को प्रदेश का पहला सैटेलाइट स्टेशन बनाने का सपना 187 करोड़ खर्च होने के बाद भी पूरा होते नहीं नजर आ रहा है। लोगों की मांग है कि खामियां दूर करते रहेंगे, पहले स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव शुरू करना चाहिए।
Khatipura railway station: जयपुर। खातीपुरा रेलवे स्टेशन को प्रदेश का पहला सैटेलाइट स्टेशन बनाने का सपना अब तक सिर्फ कागजों पर ही साकार हो पाया है। लगभग 187 करोड़ रुपए खर्च कर तैयार किए गए इस स्टेशन से दो साल बाद भी न तो कोई नियमित नई ट्रेन शुरू की गई है और न ही मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित किया गया है।
दरअसल, रेलवे ने जयपुर जंक्शन पर यात्रीभार कम करने के उद्देश्य से खातीपुरा स्टेशन का विकास किया था। करीब दो वर्ष पूर्व इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ था और गत वर्ष फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका वर्चुअल उद्घाटन भी किया था। रेलवे सूत्रों के अनुसार, प्रतिदिन 150 से अधिक ट्रेनें इस स्टेशन से होकर गुजरती हैं, लेकिन केवल 5 पूर्व निर्धारित पैसेंजर ट्रेनें ही यहां रुकती हैं।
इसके अतिरिक्त एक स्पेशल ट्रेन वलसाड-खातीपुरा संचालित की जा रही है, लेकिन उसका संचालन अस्थायी है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि स्टेशन के कायाकल्प और तकनीकी कार्य अलग-अलग चरणों में किए जाने थे। वर्तमान में तकनीकी कार्य प्रगति पर हैं, जिनके इस वर्ष के अंत तक पूरे किए जाने की उमीद है। हालांकि इसमें देरी हुई है।
इतने बड़े स्टेशन पर केवल दो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो अभी तक सक्रिय नहीं किए गए हैं। यहां न तो आरपीएफ की मौजूदगी है और न ही जीआरपी की चौकी। ऐसे में सुरक्षा की स्थिति भी बेहद चिंताजनक है। इसके अलावा एस्केलेटर जैसी सुविधाएं अब तक अधूरी हैं।
पिट लाइन के बिना ट्रेनों का मेंटेनेंस संभव नहीं है, इसलिए यहां से ट्रेनों का व्यवस्थित संचालन शुरू नहीं हो पाया है। अब दावा किया जा रहा है कि, पिट लाइन का कार्य इस वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद यहां से दिल्ली के सराय रोहिल्ला और दिल्ली कैंट जैसे स्टेशनों की तर्ज पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो सकेगा।
स्थानीय निवासियों की मांग है कि आश्रम एक्सप्रेस, खजुराहो एक्सप्रेस, डबल डेकर, जयपुर-चंडीगढ़, जयपुर-अमृतसर, मंडोर, मालानी, हरिद्वार मेल, प्रयागराज, मथुरा-बाड़मेर और गलताधाम-जमूतवी एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की ट्रेनों का ठहराव इस स्टेशन पर शुरू किया जाए। इससे स्टेशन के आसपास बसे हजारों लोगों को सुविधा मिलेगी और जयपुर जंक्शन पर भी दबाव कम होगा।
हैरिटेज लुक में नई बिल्डिंग तैयार की गई।
प्लेटफॉर्म की संया 2 से बढ़ाकर 6 की गई।
आठ रेलवे लाइनें बिछाई गईं, सभी का विद्युतीकरण किया गया।
दो नई गुमटियां बनाई गईं, जिनमें लाल पत्थर का उपयोग हुआ।
फुटओवर ब्रिज, वेटिंग एरिया, पार्किंग, नया टिकट घर, आरक्षण केंद्र व कार्यालय समेत कई अन्य सुविधाएं विकसित की गईं।