Power Supply Management: आकस्मिक जांच में बड़ा खुलासा, यूनिफॉर्म और स्मार्टफोन के बिना काम कर रहीं बिजली सुधार टीमें, -डिस्कॉम की एफआरटी व्यवस्था में लापरवाही उजागर, सेवा प्रदाता को मिलेगा नोटिस।
Electricity Fault Team: जयपुर। जयपुर डिस्कॉम की ओर से विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए तैनात फॉल्ट रेक्टिफिकेशन टीमों (एफआरटी) की कार्यप्रणाली में गंभीर खामियां सामने आई हैं। ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर के निर्देश पर की गई आकस्मिक जांच में कई एफआरटी वाहनों में जरूरी उपकरण और व्यवस्थाएं नदारद मिलीं।
1-जीपीएस सिस्टम गायब
कई वाहनों में ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) नहीं लगा पाया गया। इससे टीम की लोकेशन ट्रैक करना संभव नहीं है, जिससे समय पर शिकायतों के निस्तारण की मॉनिटरिंग प्रभावित होती है।
2-सेफ्टी टूल्स की कमी
विद्युत कार्य में सुरक्षा अत्यंत आवश्यक होती है, लेकिन जांच में सामने आया कि कई टीमों के पास आवश्यक सुरक्षा उपकरण नहीं थे, जिससे न केवल कर्मचारियों की जान को जोखिम होता है, बल्कि कार्य की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।
3-स्मार्टफोन नहीं
डिजिटल मॉनिटरिंग और शिकायत अपडेट के लिए आवश्यक स्मार्टफोन भी कई टीमों को उपलब्ध नहीं थे, जिससे त्वरित रिपोर्टिंग और उपभोक्ताओं से संवाद बाधित होता है।
4-कर्मचारी पूरे नहीं
एफआरटी टीम में मानक अनुसार एक ड्राइवर, एक लाइनमैन और दो हेल्पर होने चाहिए, लेकिन कई टीमों में स्टाफ अधूरा पाया गया।
5-यूनिफॉर्म और पहचान पत्र नहीं
टीमों को निर्धारित यूनिफॉर्म व पहचान पत्र में रहना अनिवार्य है, लेकिन कई कर्मचारी बिना यूनिफॉर्म के ड्यूटी करते मिले, जिससे उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
सेवा प्रदाता पर होगी कार्रवाई
यह निरीक्षण उपभोक्ता सेवा में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। जिन टीमों में कमियां पाई गई हैं, उनके विरुद्ध सेवा प्रदाता कंपनी को नोटिस जारी किया जाएगा और पेनल्टी लगाई जाएगी।
-आरती डोगरा, डिस्कॉम चेयरमैन
अलग सब डिविजन के सहायक अभियंता को दी जिम्मेदारी
प्रत्येक एफआरटी वाहन की जांच के लिए संबंधित सब डिविजन से अलग सब डिविजन के सहायक अभियंता को निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई। यह साफ हिदायत दी गई कि जांच के लिए अभियंता दो घंटे के भीतर एफआरटी टीम की लोकेशन पर पहुंचें। गूगल शीट में भरकर दोपहर बाद तक जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए।2016 से चल रही एफआरटी व्यवस्था का यह अब तक का सबसे बड़ा निरीक्षण था, जिसमें 18 सर्किलों के 232 सब डिविजन में तैनात 340 वाहनों की जांच की गई।