Good News : राजस्थान की ऊर्जा क्षेत्र में 'पावर’ बढ़ती जा रही है। खुशखबर यह है कि परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनेगा हमारा राजस्थान। अक्षय ऊर्जा में देश में कौन सा नम्बर, जानकर चौंक जाएंगे।
Good News : राजस्थान की ऊर्जा क्षेत्र में 'पावर’ बढ़ती जा रही है। अक्षय ऊर्जा में देश में पहले पायदान पर रहने के बाद अब न्यूक्लियर ऊर्जा (परमाणु बिजली) में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। करीब 52 साल बाद रावतभाटा के बाद बांसवाड़ा में दूसरा न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित होने जा रहा है। इसके पूरा होने और रावतभाटा में प्रस्तावित क्षमता विस्तार के बाद प्रदेश की न्यूक्लियर ऊर्जा क्षमता बढ़कर लगभग 6680 मेगावाट तक पहुंच जाएगी। न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया प्रदेश के अन्य जिलों में भी संभावना तलाश रहा है, इसके लिए ऊर्जा विभाग के अफसरों से भी चर्चा चल रही है।
खास यह है कि, परमाणु बिजली प्रोजेक्ट संचालन के लिए यूरेनियम और भारी पानी की जरूरत होती है। प्रदेश में सीकर जिले के खंडेला में यूरेनियम के भंडार मिले हैं और एटॉमिक मिनरल्स डायरेक्टरेट यहां काम कर रहा है। इसी तरह उदयपुर, दौसा, सीकर जिले के कई कुछ इलाकों में भी खोज चल रही है। इससे भविष्य में ईंधन के लिए बाहरी निर्भरता घटेगी।
रावतभाटा न्यूक्लियर पावर प्लांट - होगी 3880 मेगावाट क्षमता : इसकी नींव वर्ष 1963 में कनाडा के सहयोग से रखी गई। पहला रिएक्टर 16 दिसम्बर, 1973 को ग्रिड से जुड़ा। यहां अभी 7 यूनिट शुरू हो चुकी हैं, जिसकी क्षमता 1780 मेगावाट है। 700 मेगावाट की आठवीं यूनिट जल्द शुरू होने वाली है। इसके बाद 9वीं और 10वीं यूनिट की प्लानिंग भी शुरू हो गई है। इनमें 700-700 मेगावाट की दो यूनिट लगेगी। ऐसे में कुल क्षमता 3880 मेगावाट हो जाएगी।
बांसवाड़ा- 2800 मेगावाट : पचास हजार करोड़ के निवेश से 2800 मेगावाट क्षमता का न्यूक्लियर पावर प्लांट लगेगा। नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन और न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया संयुक्त रूप से इसे तैयार करेगा।
1- वर्तमान में भारत में 24 परमाणु रिएक्टर हैं, कुल क्षमता 8080 मेगावाट
2- राजस्थान की 7वीं इकाई जुड़ने के बाद क्षमता 9480 मेगावाट हो गई
3- 8वीं इकाई जुड़ने पर 10,180 मेगावाट होगी
4- ऐसे में सबसे ज्यादा इकाइयां और क्षमता रावतभाटा में हो जाएगी।
5- अभी सबसे अधिक उत्पादन क्षमता तमिलनाडु के कुडनकुलम (2000 मेगावाट) की है।
रावतभाटा और बांसवाड़ा परियोजना के साथ राजस्थान देश के न्यूक्लियर पावर हब के रूप में उभरने की संभवना बढ गई है। विशेषज्ञों के अनुसार अगले दशक में न्यूक्लियर ऊर्जा राज्य की ऊर्जा सुरक्षा और ग्रीन पावर मिशन में अहम भूमिका होगी। राजस्थान देश के न्यूक्लियर ऊर्जा ग्रिड में बड़ी भूमिका निभाएगा।