Guava : राजस्थान में इस बार सवाईमाधोपुर, करौली, दौसा और बूंदी बेल्ट के मीठे अमरूदों की मिठास बारिश में घुल गई। अमरूद उत्पादन प्रभावित होने से उद्यान विभाग 120 करोड़ रुपए से अधिक के राजस्व घाटे का आकलन कर रहा है। उधर किसान मायूस हैं।
Guava : राजस्थान में इस बार सवाईमाधोपुर, करौली, दौसा और बूंदी बेल्ट के मीठे अमरूदों की मिठास बारिश में घुल गई। भारी बारिश और जलभराव ने हजारों बीघा बागानों को नष्ट कर दिया। नतीजा, जहां हर साल दो लाख मीट्रिक टन तक अमरूद पैदा होते थे, इस बार वह घटकर डेढ़ लाख मीट्रिक टन रह गया। लगभग 50 हजार मीट्रिक टन का नुकसान हुआ है। पैदावार घटने से बाजार में अमरूद के भाव 55 रुपए किलो तक पहुंच गए। जयपुर, दिल्ली, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में सप्लाई आधी रह गई।
उद्यान विभाग इस बार अमरूद उत्पादन प्रभावित होने से 120 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व घाटे का आकलन मान रहा है। पहले अमरूदों से 500 करोड़ रुपए तक का राजस्व होता था जो घटकर इस बार पौने चार सौ करोड़ रुपए रह गया है।
हालात ये हैं कि जयपुर, दिल्ली, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की मंडियों में इस बार राजस्थान के अमरूदों की सप्लाई घट गई है। दिल्ली की आजादपुर मंडी से विदेशों तक जाने वाली खेपों पर भी असर पड़ा है।
2022-23 1,73,625 4.34
2023-24 1,88,904 4.72
2024-25 1,98,992 4.97
2025-26 1,50,000 3.75
कुछ क्षेत्रों में जलभराव हुआ, जिससे 15 प्रतिशत से अधिक फसल प्रभावित हुई। जहां पानी भरा, वहां अमरूदों की जड़ें सड़ गईं। इससे निर्यात, राजस्व भी प्रभावित हुआ है।
सी.पी. बड़ाया, उपनिदेशक, उद्यान विभाग, सवाईमाधोपुर
जड़ावता के किसान रामेश्वर मीणा और कान्हाराम बताते हैं कि सूरवाल बांध का पानी खेतों में भर गया। हरे-भरे पेड़ों पर लगे अमरूद पानी में बह गए। जो बचे हैं, वे भी गलने लगे हैं। अब मिट्टी बैठ गई है।