Hmpv Case In Rajasthan: जेके लोन अस्पताल में हर वर्ष एचएमपीवी से ग्रस्त बच्चे देखे जाते हैं।
HMPV Virus Cases In Rajasthan: जयपुर। बच्चों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के देशभर में अब तक मिले 9 केस से भले ही लोगों की चिंता बढ़ गई है, लेकिन जेके लोन अस्पताल के डॉक्टर इसे सामान्य मान रहे हैं। उनका कहना है कि यहां गत वर्ष वायरस से जुड़े 60 केस पाए गए थे। ऐसे में घबराने की बजाय सतर्क रहने की जरूरत है।
दरअसल, जेके लोन अस्पताल में हर वर्ष एचएमपीवी से ग्रस्त बच्चे देखे जाते हैं लेकिन इस वर्ष एक भी केस नहीं मिला है। हालांकि इसे देखते हुए, अस्पताल प्रशासन ने अलग से दस बेड का एक आइसोलेशन वार्ड बनाया है। इसमें आठ बेड सामान्य व दो आइसीयू बेड हैं। इसके अलावा सांस संबंधी दिक्कतों से जूझ रहे बच्चों के उपचार के लिए अलग से ओपीडी भी शुरू की गई है। इसमें केवल उन्हीं बच्चों को देखा जा रहा है जिनमें इस वायरस से संबंधित लक्षण मिल रहे हैं।
कोरोना वायरस जैसे ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस ने कोटा में 3 महीने पहले ही दस्तक दे दी थी। जेके लोन अस्पताल में 2 अक्टूबर को 3 महीने का एक शिशु इस वायरस से संक्रमित पाया गया था। शिशु में वायरस की पुष्टि होने के बाद विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में इलाज जारी रहा। 13 दिनों तक चले उपचार के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
आपको बता दे कि राजस्थान के डूंगरपुर जिले में भी एचएमपीवी वायरस से संक्रमित होने का मामला सामने आया था। डूंगरपुर जिले के साबला ब्लॉक अंतर्गत ढाई माह के मासूम में पुष्टि हुई थी। ये देश में तीसरा संक्रमित केस मिला था। बच्चे को सर्दी जुकाम, खांसी और बुखार की शिकायत होने पर परिजनों ने उसे गुजरात के ऑरेंज चिल्ड्रन अस्पताल में भर्ती करवाया था। 12 दिनों से तक उपचार के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
हर साल इस वायरस के संक्रमित मिलते हैं और वो जल्द ठीक भी हो जाते हैं। जुकाम, गले में खराबी, सांस लेने में दिक्कत, निमोनिया, होंठ नीले होने जैसे लक्षण दिखे तो बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। संक्रमित बच्चे को दूसरे बच्चों से ठीक होने तक अलग रखें।
-डॉ.कैलाश मीणा, अधीक्षक, जेके लोन अस्पताल