जयपुर

Jaipur: किशनपोल जोन में जो मकान ढहा… पश्चिम बंगाल के रह रहे थे करीब 20 लोग, 25 दिन में दी गई थी 2 नोटिस

मकान में रह रहे मजदूर परिवारों का कहना है कि उन्होंने मकान मालिक शहाबुद्दीन से बार-बार मरम्मत की मांग की थी, लेकिन अनसुनी कर दी गई। ये परिवार दो से तीन हजार रुपए किराया चुकाते थे। अधिकतर पुरुष ज्वैलरी के कारखाने में मजदूरी और महिलाएं झाडू-पोछा व घरेलू काम करती हैं।

2 min read
Sep 07, 2025
मकान के मलबे में दबने से पिता-पुत्री की मौत (फोटो-पत्रिका)

जयपुर। सवाल बड़ा है-अगर नगर निगम को पहले से पता था कि सुभाष चौक क्षेत्र का यह चार मंजिला मकान जर्जर है और कभी भी हादसे का कारण बन सकता है, तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई? आखिर क्यों 25 दिन पहले नोटिस देने के बावजूद इसे ढहाया नहीं गया? इसी लापरवाही की कीमत शुक्रवार रात दो जिंदगियों ने चुकाई।

छील का कुआं, पानों का दरीबा में यह मकान आधी रात को भरभरा कर गिर पड़ा। मलबे में दबे पिता प्रभात (35) और उनकी पांच वर्षीय बेटी पीहू की मौत हो गई, जबकि पांच लोग घायल हैं।

ये भी पढ़ें

सो रहे थे… सोते ही रह गए, हंसती-खेलती दुनिया एक पल में जमींदोज; पिता से लिपटा मिला बेटी का शव

नोटिस में लिखा- कभी भी ढह सकता है

मकान (नं. 1083, वार्ड 60, किशनपोल जोन) निगम की जर्जर भवनों की सूची में दर्ज था। 13 अगस्त और 4 सितंबर को नोटिस जारी कर साफ लिखा गया था कि यह बरसात में असुरक्षित है और कभी भी ढह सकता है। बावजूद इसके, इसे गिराने की कार्रवाई नहीं हुई। हादसे ने निगम की जिम्मेदारी पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

सात लोग दबे, हेलिंग सर्च तकनीक से रेस्क्यू

हादसे के वक्त बिल्डिंग में पश्चिम बंगाल के करीब 20 लोग रह रहे थे। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग जुटे और राहत कार्य शुरू किया। सूचना पर एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीम मौके पर पहुंची। कमांडेंट राजेंद्र सिंह सिसोदिया की अगुवाई में टीम ने आधुनिक हेलिंग सर्च तकनीक से दबे लोगों की लोकेशन पुख्ता की।

ये लोग हुए घायल

एक-एक कर मलबा हटाया गया और घायलों को निकाला गया। प्रभात और उनकी बेटी को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घायलों में सुमित्रा (28), वासुदेव (26), सुकना, सोनू (6) और ऋषि (4) शामिल हैं। सभी का इलाज एसएमएस अस्पताल में चल रहा है।

किरायेदारों ने मालिक पर लगाया अनसुनी का आरोप

इस मकान में रह रहे मजदूर परिवारों का कहना है कि उन्होंने मकान मालिक शहाबुद्दीन से बार-बार मरम्मत की मांग की थी, लेकिन अनसुनी कर दी गई। ये परिवार दो से तीन हजार रुपए किराया चुकाते थे। अधिकतर पुरुष ज्वैलरी के कारखाने में मजदूरी और महिलाएं झाडू-पोछा व घरेलू काम करती हैं।

मुआवजे पर अड़े परिजन, शव नहीं लिया

हादसे के बाद परिजन ने मुआवजे की मांग को लेकर शव लेने से इनकार कर दिया और धरने पर बैठ गए। आखिरकार बातचीत के बाद मकान मालिक ने 6 लाख 21 हजार रुपए देने पर सहमति जताई। यह राशि प्रभात के नियोक्ता के माध्यम से उनकी पत्नी के नाम खाते में डलवाई जाएगी। इसके बाद शव सुपुर्द किए गए और परिजन एंबुलेंस से गांव लौट गए।

बरसात-लापरवाही दोनों जिम्मेदार

स्थानीय लोगों का कहना है कि लगातार हो रही बारिश ने दीवारों और नींव को कमजोर कर दिया था। हवेली पुरानी और जर्जर थी, लेकिन मकान मालिक और निगम दोनों की लापरवाही ने यह दुखांतिका घटित कर दी।

ये भी पढ़ें

Rajasthan Crime: दोस्त ने ही किया दोस्त का कत्ल, चाकू से गला रेता; शहर में फैली सनसनी

Published on:
07 Sept 2025 10:19 am
Also Read
View All

अगली खबर