IMD New Weather Update: मानसून की विदाई के ठीक बाद एक नया और शक्तिशाली सिस्टम सक्रिय हो रहा है, जिसके प्रभाव से राजस्थान के कई हिस्सों में खासकर दक्षिणी और पूर्वी जिलों में अगले कुछ दिनों तक बारिश होने की संभावना है।
Rajasthan Weather News: राजस्थान में मानसून ने इस साल रिकॉर्ड.तोड़ बारिश के साथ विदा ली है। 26 सितंबर को सामान्य समय से लगभग चार दिन पहले, राज्य के सभी हिस्सों से दक्षिण.पश्चिम मानसून की आधिकारिक वापसी हो गई है। लेकिन मौसम विशेषज्ञों और आम जनता के लिए यह एक महत्वपूर्ण संदेश है कि मानसून की वापसी का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि अब बारिश नहीं होगी। बल्कि हाल के दिनों में बने मौसम प्रणालियों के कारण राज्य में एक बार फिर से बारिश की गतिविधियां शुरू होने की संभावना हैए जो कई लोगों के लिए भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है।
मौसम विभाग के अनुसार मानसून की विदाई एक क्रमिक प्रक्रिया है और यह पूरी तरह से हवा के पैटर्न पर निर्भर करती है। भले ही बड़े पैमाने पर मानसूनी हवाएं अब कमजोर हो गई हैं, फिर भी बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाले स्थानीय सिस्टम या पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश हो सकती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हो रहा है।
मानसून की विदाई के ठीक बाद एक नया और शक्तिशाली सिस्टम सक्रिय हो रहा है, जिसके प्रभाव से राजस्थान के कई हिस्सों में खासकर दक्षिणी और पूर्वी जिलों में अगले कुछ दिनों तक बारिश होने की संभावना है। यही कारण है कि आज से आने वाले छह दिनों तक उदयपुर और कोटा संभाग के जिलों में अच्छी बारिश का अनुमान लगाया जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार दोनों संभाग में आने वाले जिलों में आने वाले छह दिनों तक वज्रपात के साथ बारिश होगी और मेघगर्जन भी रहेगा।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह समझना आवश्यक है कि मानसून एक विशिष्ट मौसमी घटना है, जबकि बारिश एक मौसम संबंधी घटना है जो पूरे साल हो सकती है। पोस्ट.मानसून बारिश का यह दौर कृषि के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन अचानक होने वाली तेज बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान भी पहुंच सकता है।
मौसम विभाग ने विशेष रूप से कोटा, उदयपुर और भरतपुर संभागों के लिए सतर्कता जारी की है, जहां गरज.चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम की जानकारी पर नजर रखें और बेवजह यात्रा से बचें। यह अनोखी मौसम की स्थिति इस बात का प्रमाण है कि जलवायु परिवर्तन के साथ मौसम का पूर्वानुमान लगाना अधिक जटिल होता जा रहा है। मानसून की विदाई के बाद भी बारिश का यह दौर एक अभूतपूर्व स्थिति है जो आने वाले समय में मौसम के पैटर्न में बड़े बदलावों का संकेत हो सकती है।