जयपुर

सरकार बने 22 माह हो गए, लेकिन कार्मिकों की स्थानांतरण नीति नहीं बन पाई

राज्य में भाजपा ने सरकार बनने पर कुशल प्रशासन देने के लिए सरकारी कर्मचारियों के लिए स्थानान्तरण नीति बनाने का वादा किया था। प्रदेश में 2023 में भाजपा की सरकार बन गई। इसके बाद से आज तक स्थानान्तरण नीति पर कोई ठोस काम नहीं हो सका है। प्रतिबंध के बावजूद विशेष अनुमति लेकर हाल ही शिक्षा विभाग में किए गए प्रधानाचार्याें के तबादलों के बाद फिर से स्थानान्तरण नीति पर चर्चा शुरू हो गई है।

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Sep 25, 2025

भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में किया था सरकारी कर्मचारियों के स्थानान्तरण की नीति बनाने का वादा

पिछले साल अप्रेल-मई में सभी विभागों से एक माह में नीति बनाने को कहा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका

जयपुर.

राज्य में भाजपा ने सरकार बनने पर कुशल प्रशासन देने के लिए सरकारी कर्मचारियों के लिए स्थानान्तरण नीति बनाने का वादा किया था। प्रदेश में 2023 में भाजपा की सरकार बन गई। इसके बाद से आज तक स्थानान्तरण नीति पर कोई ठोस काम नहीं हो सका है। प्रतिबंध के बावजूद विशेष अनुमति लेकर हाल ही शिक्षा विभाग में किए गए प्रधानाचार्याें के तबादलों के बाद फिर से स्थानान्तरण नीति पर चर्चा शुरू हो गई है।

राज्य सरकार के निर्देश पर प्रशासनिक सुधार विभाग ने 9 अप्रेल 2024 और 24 मई 2024 को सभी विभागों को स्थानान्तरण नीति बनाने के लिए निर्देश जारी किए थे और उसमें कुछ सुझाव भी थे, लेकिन आज तक किसी भी विभाग ने अपनी स्थानान्तरण नीति बनाकर प्रशासनिक सुधार विभाग को नहीं भेजी है। सभी विभाग अगर अपनी नीति बना लेते हैं तो इससे प्रदेश सरकार के अधीन आने वाले 10 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा। विधानसभा के हाल ही खत्म हुए सत्र में भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने सरकार से इस बारे में सवाल किया था, जिसमें सरकार ने यह जानकारी दी है कि अभी विभागों के स्तर पर ही कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

तीन जगह लागू ही नहीं होगी नीति

- राज्यपाल सचिवालय

- विधानसभा सचिवालय

- राज्य निर्वाचन आयोग

स्थानांतरण नीति के प्रस्तावित नियम

- कर्मचारी की पोस्टिंग न्यूनतम दो वर्ष के लिए होनी चाहिए।

- सभी विभाग 15 जनवरी तक रिक्त पदों का प्रकाशन ऑनलाइन पोर्टल पर करेंगे।

- कर्मचारी 1 फरवरी से 28 फरवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।

- 30 अप्रैल तक स्थानांतरण आदेश जारी किए जाएंगे।

- जिन विभागों में 2,000 से अधिक कर्मचारी हैं, वे अपनी स्थानांतरण नीति स्वयं तैयार करेंगे।

- सेवाकाल में कर्मचारी को कम से कम दो वर्ष ग्रामीण क्षेत्र में देना अनिवार्य होगा।

- स्थानांतरण में दिव्यांग, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला, पूर्व सैनिक, उत्कृष्ट खिलाड़ी, पति-पत्नी प्रकरण, असाध्य रोग, शहीद के आश्रित कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी।

- यदि किसी कर्मचारी को एक स्थान पर तीन वर्ष हो चुके हैं, तो प्रशासनिक आधार पर उसका स्थानांतरण किया जा सकेगा।

- गंभीर शिकायत की स्थिति में कभी भी स्थानांतरण संभव होगा।

Published on:
25 Sept 2025 05:28 pm
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