जयपुर में मेट्रो ट्रेन के विस्तार की योजनाओं के बीच जेडीए के कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बाधा बनते दिख रहे हैं। शहर में जेडीए के चार प्रमुख प्रोजेक्ट मेट्रो कॉरिडोर से टकरा रहे हैं, जिनमें से दो पर गंभीर संकट के बादल मंडरा रहे हैं और इनके रद्द होने की आशंका बढ़ गई है।
जयपुर। राजधानी जयपुर में मेट्रो ट्रेन के विस्तार की योजनाओं के बीच जेडीए के कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बाधा बनते दिख रहे हैं। शहर के विकास मॉडल में एक ओर तेज रफ्तार मेट्रो नेटवर्क की तैयारी है, वहीं दूसरी ओर जेडीए की एलिवेटेड रोड और अंडरपास परियोजनाएं इसमें टकराव पैदा कर रही हैं। शहर में जेडीए के चार प्रमुख प्रोजेक्ट मेट्रो कॉरिडोर से टकरा रहे हैं, जिनमें से दो पर गंभीर संकट के बादल मंडरा रहे हैं और इनके रद्द होने की आशंका बढ़ गई है।
बीते दिनों जेडीए और मेट्रो प्रशासन के आला अधिकारियों की बैठक में यह स्पष्ट हुआ कि दोनों एजेंसियों के प्रोजेक्ट समान मार्ग और तकनीकी ढांचे में हस्तक्षेप कर रहे हैं। ऐसे में समाधान के लिए कुछ प्रोजेक्ट्स में दिशा और डिजाइन में बदलाव की योजना पर विचार किया जा रहा है।
अम्बेडकर सर्कल से जवाहर सर्कल को जोड़ने वाली एलिवेटेड रोड पर भी संकट के बादल हैं। यह रोड रामबाग सर्कल से गुजरेगी, जबकि मेट्रो का फेज-2 प्रस्तावित है। दिसंबर में सरकार के स्तर पर तय किया गया था कि इस प्रोजेक्ट के धरातल पर आने से जेएलएन मार्ग की विशिष्टता और सौंदर्यीकरण पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि यह प्रोजेक्ट भी जल्द रद्द हो सकता है।
कलक्ट्रेट सर्कल से राजमहल पैलेस चौराहा (सरदार पटेल मार्ग) तक प्रस्तावित एलिवेटेड रोड पर अभी तक कोई काम शुरू नहीं हुआ है। यह रूट जयपुर मेट्रो का हिस्सा है, इसलिए इस प्रोजेक्ट से भी जेडीए पीछे हट सकता है।
झालाना बाइपास पर प्रस्तावित एलिवेटेड रोड का निर्माण करते समय मेट्रो का भी ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए पिलर की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी। जेडीए अधिकारियों के अनुसार इसे दुर्गापुरा एलिवेटेड रोड की तरह विकसित किया जाएगा।
विद्याधर नगर और मुरलीपुरा को जोड़ने के लिए जेडीए जयपुर-सीकर हाईवे स्थित रोड नंबर एक पर अंडरपास का योजना बना रहा है। हालांकि इसकी दिशा अभी तय नहीं हो पाई है। स्थानीय लोग चाहते हैं कि यह अंडरपास विद्याधर नगर और मुरलीपुरा को जोड़ने के लिए बनाया जाए। वहीं, मेट्रो अधिकारी इस पर सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि सीधे हाईवे पर अंडरपास बनने से एलिवेटेड रोड का निर्माण प्रभावित होगा, जिससे मेट्रो में देरी होगी।