Jaipur Ring Road: केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार यह रिंग रोड जयपुर जिले की 10 तहसीलों से होकर गुजरेगी। अजमेर, सीकर, दिल्ली और आगरा रोड जाने वालों को शहर में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा।
जयपुर। राजधानी जयपुर के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। लंबे समय बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने जयपुर की उत्तरी रिंग रोड को मंजूरी दे दी है। साथ ही केन्द्र सरकार ने रिंग रोड की अधिसूचना भी जारी कर दी है। इसके बाद NHAI ने इसके अलाइनमेंट पर काम शुरू कर दिया है। रिंग रोड के अलाइनमेंट को मंजूरी मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण सहित अन्य काम शुरू होंगे। यह रिंग रोड करीब 99.35 किलोमीटर की होगी।
जयपुर के चारों ओर रिंग रोड बनाने की योजना पर साल 2000 में काम शुरू हुआ था। इस दौरान जयपुर के चारों तरफ 147 किलोमीटर की रिंग रोड बनाने का निर्णय हुआ। पहले फेज में जयपुर के दक्षिणी हिस्से में रिंग रोड पर काम शुरू हुआ, जिसने अजमेर रोड और टोंक रोड होते हुए आगरा रोड को जोड़ा। यह 47 किलोमीटर की रिंग रोड बनी और इस पर साल 2019 से विभिन्न चरणों में ट्रैफिक शुरू हो गया। यह रिंग रोड छह लेन की बनाई गई है। अब उत्तरी रिंग रोड भी छह लेन की ही बनेगी। इस पर वाहनों की अधिकतम स्पीड 120kmph होगी।
केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार उत्तरी रिंग रोड जयपुर की 10 तहसीलों से होकर गुजरेगी। रिंग रोड जयपुर जिले की चौमूं, मौजमाबाद, सांगानेर, आमेर, जमवारामगढ़, बस्सी, कालवाड़, जालसू, जोबनेर, रामपुरा डाबड़ी तहसील के करीब 140 गांवों से होकर गुजरेगी। सबसे ज्यादा गांव आमेर तहसील के होंगे।
एनएचएआइ ने रिंग रोड के तीन अलाइनमेंट यानी तीन डिजाइन बनाकर दिल्ली भेज दी है। आगामी दो से तीन सप्ताह में एक अलाइनमेंट को मंजूरी मिलेगी। इसके बाद जमीन अधिग्रहण का काम शुरू होगा।
जानकार सूत्रों के अनुसार साल 2016-17 में जयपुर की उत्तरी रिंग रोड पर काम शुरू हुआ। साल 2021 में 45 किलोमीटर की रिंग रोड भी फाइनल की गई। करीब तीन हजार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली यह रिंग रोड आगरा रोड से शुरू होकर, दिल्ली रोड होते हुए चौंप तक बननी थी, लेकिन ऐन वक्त पर इस निर्णय को रद्द कर दिया गया। इसके बाद केन्द्र सरकार ने जयपुर की उत्तरी रिंग रोड को भारत माला परियोजना फेज दो में शामिल कर लिया और अब इसे बनाने की हरी झंडी दे दी। जमीन अधिग्रहण से लेकर इसे बनाने तक का सारा काम एनएचएआइ की निगरानी में ही होगा।
देश में सबसे बड़ी रिंग रोड मौजूदा समय में हैदराबाद की है। हैदराबाद रिंग रोड की कुल लंबाई 158 किलोमीटर है। जयपुर की उत्तरी रिंग रोड बन जाने के बाद जयपुर रिंग रोड की कुल लंबाई 147 किलोमीटर हो जाएगी। हैदराबाद में एक रीजनल रिंग रोड और बेंगलूरू में सैटेलाइट रिंग रोड की योजना पर भी केन्द्र सरकार काम कर रही है। हैदराबाद रिजनल रिंग रोड करीब 330 किलोमीटर और बेंगलूरू में सेटेलाइट रिंग रोड 280 किमी की हो सकती है। नागपुर की रिंग रोड भी करीब 148 किलोमीटर की बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है।