वाणिज्यिक कर विभाग ने 9.59 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी के मामले में बुधवार को आरोपी महेंद्र खंडेलवाल पर केस दर्ज कर आर्थिक अपराध न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे 29 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
जयपुर: वाणिज्यिक कर विभाग ने आयरन-स्क्रैप कारोबारी महेंद्र खंडेलवाल को करोड़ों की जीएसटी चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर आर्थिक अपराध न्यायालय में पेश किया। अदालत ने आरोपी को 29 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, खंडेलवाल ने वीकेआई क्षेत्र में स्थित अपनी दो फर्मों खंडेलवाल एंटरप्राइजेज और बाबा मेटल्स के जरिए फर्जी बिलों का सहारा लेते हुए 53.27 करोड़ रुपए का कागजी कारोबार दिखाया। इस प्रक्रिया से उसने लगभग 9.59 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी की।
जांच में सामने आया कि आरोपी ने राजस्थान में कर से बचने के लिए फर्जी कंपनियों और बोगस फर्मों का जाल बुना। उसने कई कागजी खरीद दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया और उन कंपनियों के पते भी झूठे पाए गए। वाणिज्यिक कर विभाग की टीम ने मुख्य आयुक्त कुमार पाल गौतम के निर्देशन में यह कार्रवाई की और खंडेलवाल पर जीएसटी/सीजीएसटी एक्ट, 2017 के तहत केस दर्ज किया।
कार्रवाई के दौरान आरोपी लंबे समय तक भूमिगत रहा। उसने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया और लगातार ठिकाने बदलता रहा ताकि विभाग की पकड़ से बच सके। हालांकि विभाग की लगातार निगरानी और सर्च ऑपरेशन के बाद वह गिरफ्त में आ गया।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी चोरी के ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि फर्जी बिलिंग और कर चोरी करने वाले कारोबारियों पर अंकुश लगाया जा सके। वहीं, आरोपी से आगे की पूछताछ जारी रहेगी जिससे पूरे नेटवर्क का खुलासा होने की उम्मीद है।
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