जयपुर

जयपुर में दर्द का सैलाब: खूनी डंपर से मां की गोद सूनी, किसी का बेटा-किसी का भाई…कुछ ही पलों में उजड़ गया संसार

Jaipur Tragedy: जयपुर के हरमाड़ा में दर्दनाक सड़क हादसे में 14 लोगों की मौत से कई परिवार उजड़ गए। ट्रोमा सेंटर में चीख-पुकार और आंसुओं से भरा माहौल रहा। कांवटिया और एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी फुल हो गईं।

3 min read
Nov 04, 2025
रोते-बिलखते मृतक के परिजन (फोटो- पत्रिका)

Jaipur Tragedy: हरमाड़ा का भीषण सड़क हादसा सिर्फ 14 लोगों की मौत का आंकड़ा नहीं है। यह हमारे शहर की टूटती हुई आत्मा, अधूरी हंसी और अचानक चुप हो गए घरों की कहानी है। जरा सोचिए उन परिवारों के बारे में, जहां कुछ घंटे पहले तक दिवाली बीत जाने के बाद हंसी-खुशी का माहौल था।


यह हादसा सिर्फ लापरवाही और रफ्तार की बात नहीं है, बल्कि उस भरोसे को तोड़ता है, जो हर आम नागरिक प्रशासन और व्यवस्था पर रखता है। ट्रोमा सेंटर की दीवारों ने सोमवार को जितनी चीखें सुनीं, शायद उतनी कभी किसी रात या दिन में नहीं गूंजी होंगी।

ये भी पढ़ें

Jaipur Dumper Havoc : जयपुर में डंपर का कहर, 14 की मौत, इस दर्दनाक हादसे के बाद मन में उठ रहे सवालों के ये हैं जवाब, जानिए


हरे राम…हे भगवान…कहां गया बेटा… भाई कहां है तू…हरमाड़ा की दर्दनाक घटना ने कई परिवारों के जीवन में अंधेरा कर दिया। सन्नाटे में डूबे ट्रोमा सेंटर में मृतकों के परिजन के मुंह से बस यही चीखें निकल रही थीं, जिनमें गहरे सदमे, अविश्वास और असहनीय पीड़ा दिख रही थीं। उनकी आंखों से बहते आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे, मानो दु:ख का सैलाब उमड़ आया हो।


हादसे ने किसी से उसका बेटा छीन लिया, तो किसी का बराबर का सहारा…उसका भाई, हमेशा के लिए बिछड़ गया। साथ आए रिश्तेदार खुद भी भीतर से टूटे हुए थे, उनकी आंखें भी नम थीं, पर वे हिम्मत जुटाकर इन ‘टूटे हुए इंसानों’ को ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहे थे।


अस्पताल की तरफ दौड़ते रहे कदम


हादसे की खबर सुनते ही हरमाड़ा में जहां जो था, वहीं से ट्रोमा सेंटर की तरफ दौड़ पड़ा। कोई अपनी गाड़ी लेकर भागा तो कोई पड़ोसी को साथ लाया। हरमाड़ा निवासी मृतक विनोद के परिजन तो अपनी परचून की दुकान का शटर भी लगाना भूल गए… शायद उन्हें लगा कि बेटा उनका इंतजार कर रहा होगा।


28 दिन बाद फिर गमगीन ट्रोमा सेंटर


ट्रोमा सेंटर ने 28 दिन बाद एक बार फिर वही हृदय विदारक मंजर देखा, जहां चीखें और आंसू थे। तब ट्रोमा सेंटर में आग लगी थी, कई मौतें हुईं। अब हरमाड़ा हादसे के बाद, एक के बाद एक एंबुलेंस आती रही और बाहर परिजन का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। दर्द और सदमे के इस माहौल को देखते हुए, ट्रोमा सेंटर पुलिस छावनी में बदल गया। मुख्य द्वार पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया, जिसने हर आने-जाने वाले को रोक दिया।


पुलिस के आला अधिकारियों के साथ, मंत्री और सांसद-विधायक की गाड़ियां भी पहुंचने लगीं। लोगों को रुकने नहीं दिया, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने सख्ती दिखाते हुए अन्य मरीजों के परिजन को भी बाहर निकाल दिया।


कांवटिया की मोर्चरी फुल एसएमएस में रखे गए नौ शव


हरमाड़ा में हुए हादसे के बाद कांवटिया अस्पताल और एसएमएस ट्रोमा सेंटर में दर्दनाक अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हादसे में घायल हुए 21 लोगों को एक के बाद एक एंबुलेंस से अस्पतालों में लाया गया। कांवटिया अस्पताल में डॉक्टरों ने 10 लोगों को मृत घोषित कर दिया। आठ गंभीर घायलों को सिर, पेट और छाती में गहरी चोटों के चलते तुरंत एसएमएस ट्रोमा सेंटर रेफर किया गया।


कांवटिया अस्पताल की छह शवों की क्षमता वाली मोर्चरी फुल हो गई, क्योंकि इसमें दो शव पहले से रखे थे। हादसे के बाद दस शव कांवटिया अस्पताल पहुंचे, जिनमें से चार को मोर्चरी में रखा गया और शेष को एसएमएस अस्पताल भेज दिया गया। इसके बाद एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में सीकेएस अस्पताल और हरमाड़ा से एक-एक शव और पहुंचे। हरमाड़ा से आए शव को परिजन की सहमति के बाद कांवटिया में भेज दिया गया।


एसएमएस की मोर्चरी में नौ शव रखे गए, जिनमें से चार शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिजन को सुपुर्द कर दिए गए। परिजन की अनुपस्थिति के कारण चार शवों का पोस्टमॉर्टम मंगलवार को होगा। वहीं, कांवटिया अस्पताल की मोर्चरी में पांच शव रखे गए, जिनमें से केवल एक ही शव का पोस्टमॉर्टम हो पाया।


दो ने आते ही तोड़ा दम, तीन अब भी नाजुक


ट्रोमा सेंटर में लाए गए नौ घायलों में से दो ने आते ही दम तोड़ दिया। नोडल प्रभारी डॉ. बीएल यादव के अनुसार, 19 वर्षीय वर्षा बुनकर, 28 वर्षीय दानिश और 55 वर्षीय अजय पारीक सहित तीन की हालत अब भी आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर बनी हुई है। बाकी चार घायल मनोज, देशराज, कमल, ज्ञानरंजन का मास कैजुअल्टी वार्ड में इलाज चल रहा है, उन्हें भी गंभीर चोटें आई हैं।

ये भी पढ़ें

Rajasthan Accident: जिसे गोद में खिलाया, उसे अर्थी में लेटा देख पूरा मोहल्ला रो पड़ा, रुला रही ये दर्दभरी कहानियां

Updated on:
04 Nov 2025 08:10 am
Published on:
04 Nov 2025 07:56 am
Also Read
View All

अगली खबर