Hirapura Bus Terminal: जयपुर में हीरापुरा बस टर्मिनल पर शिफ्टिंग और आरटीओ कार्रवाई के विरोध में स्लीपर बस ऑपरेटरों की हड़ताल मंगलवार को चौथे दिन भी जारी रही। सिंधी कैंप पर प्रदर्शन हुआ। ऑपरेटरों ने चेताया, जब तक हीरापुरा टर्मिनल विकसित नहीं होता, संचालन नहीं करेंगे।
Hirapura Bus Terminal: जयपुर: हीरापुरा बस टर्मिनल पर शिफ्टिंग और आरटीओ कार्रवाई के विरोध में स्लीपर बस ऑपरेटर्स की हड़ताल मंगलवार को चौथे दिन भी जारी रही। बस ऑपरेटर्स ने शाम को सिंधी कैंप के बाहर विरोध रैली निकाली। इस दौरान प्रदर्शन किया।
बता दें कि रैली और प्रदर्शन के दौरान बस ऑपरेटर्स ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए। ऑपरेटरों का कहना है कि अब तक सरकार की ओर से बातचीत के लिए कोई नहीं आया है। इधर, चार दिन से बसों का संचालन बंद रहने से यात्रियों को परेशानी हो रही है। रोडवेज पर यात्री भार बढ़ा है। लेकिन जहां रोडवेज बसों का संचालन नहीं है, वहां के लिए यात्रियों को ट्रेन या अन्य साधनों से यात्रा करनी पड़ रही है।
इससे पहले ऑल राजस्थान कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन की बैठक हुई।। बैठक में हड़ताल के दौरान आगे की रणनीति तय की गई। इसमें शामिल ऑपरेटर्स ने जयपुर में पिकअप और ड्रॉप को लेकर नियम लागू किए। अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने बताया कि अब जयपुर से आने-जाने वाली किसी भी गाड़ी का पिकअप या ड्रॉप पॉइंट न तो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और न ही ऑफलाइन माध्यम से जयपुर सिटी या जयपुर जिले की सीमा में दिखाई देगा।
नियम का उल्लंघन करने पर संबंधित बस कार्यालय और वाहन पर एसोसिएशन की ओर से 21 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। बैठक में यह भी तय किया गया कि जयपुर सीमा (रिंग रोड के भीतर) अगर कोई गाड़ी सवारियों के साथ पाई गई तो उस पर भी 21 हजार का जुर्माना लगेगा। जो गाड़ियां केवल ट्रांजिट में हैं और जिनका पिकअप या ड्रॉप जयपुर से नहीं है, उन्हें सिर्फ रिंग रोड होकर ही निकलना होगा।
एसोसिएशन महासचिव प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि हड़ताल कमजोर करने के लिए परिवहन विभाग की ओर से प्रदेश भर में बस मालिकों को निशाना बनाया जा रहा है। अभियान लगाकर उन्हें डराया जा रहा है। बैठक में इस पर भी सहमति बनी कि जब तक हीरापुरा बस स्टैंड पूरी तरह से विकसित नहीं होता, तब तक वहां से बस का संचालन नहीं किया जाएगा।
इधर, होटल एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष दिलीप तिवारी ने बताया कि सरकार की ओर से बस ऑपरेटर्स को शिफ्टिंग किया जाना गलत है। इससे पर्यटन प्रभावित होगा। परिवहन विभाग की ओर से एक अगस्त से सिंधी कैंप से संचालित बसों को हीरापुरा बस टर्मिनल से संचालित करने का फैसला लिया है।