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जयपुर ITAT घूसकांड: असिस्टेंट रजिस्ट्रार केसी मीना समेत 5 गिरफ्तार, 1.40 करोड़ डील की जांच तेज, इन लोगों के खिलाफ केस दर्ज

जयपुर ITAT घूसकांड में CBI ने असिस्टेंट रजिस्ट्रार केसी मीना को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया। ज्यूडिशियल सदस्य व वकील से मिले दस्तावेजों की जांच में भूमिका सामने आई। कोर्ट ने मीना को 5 दिसंबर तक रिमांड पर भेजा।

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Dec 04, 2025
Jaipur ITAT bribery case (Patrika File Photo)

Jaipur ITAT bribery case: जयपुर: आयकर अपीलीय अधिकरण (आईटीएटी) में चल रहे घूसखोरी के खेल की परतें दिनों-दिन खुलने लगी हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को आईटीएटी के असिस्टेंट रजिस्ट्रार केसी. मीना को भी गिरफ्तार कर लिया है।

मीना पर भी रिश्वत लेने के आरोप लगे थे और पहले दिन से ही उन पर संदेह जताया जा रहा था। सीबीआई ने पिछले दिनों गिरफ्तार किए गए ज्यूडिशियल सदस्य एस. सीतालक्ष्मी, वकील राजेंद्र सिंह सिसोदिया और मेंबर अकाउंटेंट कमलेश से जब्त दस्तावेजों की जांच के बाद मीना को गिरफ्तार किया है। सीबीआई टीम ने तीनों से संदिग्ध लेन-देन से जुड़े दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड भी जब्त किए थे।

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गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने केसी मीना को अदालत में पेश करके पूछताछ के लिए रिमांड मांगा, जिस पर कोर्ट ने मीना को 5 दिसंबर तक रिमांड पर भेज दिया। सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि जांच के दौरान मीना से कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर पूछताछ की जा रही है।

मामले में मीना सहित अब तक पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें अपीलकर्ता भी शामिल है। सूत्रों की मानें तो सीबीआई अब यह पता लगा रही है कि किस तरह के फैसलों को प्रभावित करने के लिए पैसा लिया जाता था।

बैंक खातों, लेन-देन की भी जांच

रिमांड के दौरान सीबीआई मीना के बैंक खातों, आय के स्रोतों और हाल ही में हुए वित्तीय लेन-देन की भी जांच करेगी। इसके साथ ही उसके कार्यालय और निवास स्थान पर बरामद दस्तावेजों की भी बारीकी से पड़ताल की जा रही है। आईटीएटी में काम करने वाले अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी कार्रवाई को लेकर सतर्क दिखाई दे रहे हैं।

गौरतलब है कि सीबीआई ने पिछले सप्ताह आईटीएटी में 1.40 करोड़ रुपए के लेन-देन का खुलासा कर इस नेटवर्क का पर्दाफाश किया था। इस मामले में सीबीआई की रडार पर अभी और लोग भी शामिल हैं, जिन्हें बुलाकर पूछताछ की जा सकती है।

इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

सीबीआई ने अधिवक्ता राजेंद्र सिंह और सहायक रजिस्ट्रार केसी. मीना सहित गौरव जैन (सीए), आलोकिक जैन, निदेशक, यश अक्षय बिल्डर्स, शोभित काला, निदेशक, यश अक्षय बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्रा.लि., मनीष धारीवाल, निदेशक, यश अक्षय बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्रा.लि., मुजम्मिल बरखेड़ा, लाडपुरा, कोटा; प्रवीण कुमार लांबा, निवासी भिवाड़ी, राजस्थान; मनीष शर्मा (सीए), सुहानी महेरवाल (सीए) और अन्य अज्ञात लोक सेवक व निजी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

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Published on:
04 Dec 2025 07:29 am
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