Kota-Bundi Water Supply सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत नौनेरा वृहद पेयजल परियोजना और परवन-अकावद पेयजल परियोजना को मंजूरी प्रदान करते हुए कार्यादेश जारी कर दिए हैं। इन दोनों परियोजनाओं पर कुल 5 हजार 184 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे, जिनसे कोटा, बूंदी, झालावाड़ और बारां जिलों के लाखों लोगों को शुद्ध पेयजल प्राप्त होगा।
Rural Water Distribution: जयपुर. राज्य के प्रत्येक परिवार को स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के लक्ष्य को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। इसी क्रम में सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत नौनेरा वृहद पेयजल परियोजना और परवन-अकावद पेयजल परियोजना को मंजूरी प्रदान करते हुए कार्यादेश जारी कर दिए हैं। इन दोनों परियोजनाओं पर कुल 5 हजार 184 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे, जिनसे कोटा, बूंदी, झालावाड़ और बारां जिलों के लाखों लोगों को शुद्ध पेयजल प्राप्त होगा।
नौनेरा वृहद पेयजल परियोजना के माध्यम से कोटा और बूंदी जिले के 749 गांव और 6 कस्बों के 1 लाख 13 हजार 287 परिवारों को हर घर नल से जल मिलेगा। इस परियोजना के लिए सरकार द्वारा 1 हजार 661.14 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं।
परियोजना के अंतर्गत एक इन्टैक पंप हाउस, तीन जल शोधन संयंत्र, 14 स्वच्छ जलाशय और 137 उच्च जलाशय का निर्माण होगा। कोटा और बूंदी जिले के लिए 58.45 किलोमीटर लंबी रॉ वॉटर राइजिंग मेन पाइप लाइन बिछाई जाएगी। साथ ही 4 हजार 506.89 किलोमीटर लंबी राइजिंग मेन, क्लस्टर वितरण और ग्रामीण वितरण पाइप लाइन का बिछाव किया जाएगा। दोनों जिलों में कुल 14 पंप गृह भी स्थापित किए जाएंगे।
परवन-अकावद पेयजल परियोजना से बारां, कोटा और झालावाड़ जिले के 1 लाख 52 हजार 437 परिवारों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होगा। इस परियोजना के लिए 3 हजार 523.16 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। परियोजना के तहत बारां जिले के 907, कोटा के सांगोद क्षेत्र के 184 और झालावाड़ के 311 गांव सहित कुल 1 हजार 402 गांव और 276 ढाणियों को पेयजल आपूर्ति की जाएगी।
परियोजना में दो इन्टैक पंप गृह, दो जल शोधन संयंत्र, 41 स्वच्छ जलाशय और 276 उच्च जलाशय का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही 661 किलोमीटर लंबी मुख्य ट्रांसमिशन पाइप लाइन तथा 9 हजार 477 किलोमीटर लंबी राइजिंग मेन और वितरण पाइपलाइन बिछाई जाएगी।
इन दोनों बड़े पेयजल परियोजनाओं को अगस्त 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जल जीवन मिशन के तहत इन परियोजनाओं को मंजूरी मिलने से प्रदेश के चार जिलों में पेयजल समस्या का स्थायी समाधान होगा और सरकार के हर घर नल से जल अभियान को महत्वपूर्ण गति मिलेगी।