Good News: 200 फीट बाइपास अजमेर रोड चौराहे से वीकेआइ रोड नंबर 14 को जोड़ता है। करीब 12 किमी लंबी इस सड़क पर वर्तमान में कहीं भी चढ़ने-उतरने की सुविधा नहीं है। पहली बार दो फ्लाईओवर बनाकर जनता को सहूलियत दी जाएगी।
Jaipur News: राजधानी का 200 फीट बाइपास जल्द ही शहर की सड़कों की तरह काम करेगा। इसे ध्यान में रखते हुए जेडीए और एनएचएआइ पहले चरण में दो फ्लाईओवर बनाने की योजना बना रहे हैं।
ये फ्लाईओवर खिरणी फाटक और दादी फाटक पर बनाए जाएंगे और जयपुर-अजमेर तथा जयपुर-सीकर रेलवे लाइन पर आरओबी के रूप में तैयार होंगे। उत्तरी रिंग रोड के धरातल पर आने के बाद इस बाइपास को सिटी रोड के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
200 फीट बाइपास अजमेर रोड चौराहे से वीकेआइ रोड नंबर 14 को जोड़ता है। करीब 12 किमी लंबी इस सड़क पर वर्तमान में कहीं भी चढ़ने-उतरने की सुविधा नहीं है। पहली बार दो फ्लाईओवर बनाकर जनता को सहूलियत दी जाएगी।
वर्ष 2017 में जेडीए ने इस सड़क को विकसित करने का प्लान बनाया था। उस समय 110 करोड़ रुपए का बजट रखा गया था। कुछ राशि केंद्र सरकार से मिलने वाली थी, लेकिन राज्य सरकार बदलने के बाद योजना ठंडे बस्ते में चली गई। अब राज्य में भाजपा की सरकार होने और कुछ जनप्रतिनिधियों की रुचि के चलते अधिकारियों को उम्मीद है कि यह प्रोजेक्ट धरातल पर उतर जाएगा।
वैशाली नगर और पृथ्वीराज नगर की सैकड़ों कॉलोनियों के हजारों लोग जो सीकर रोड और वीकेआई की ओर जाते हैं, उन्हें अजमेर रोड के 200 फीट चौराहे तक आना पड़ता है। इसके कारण 3 से 5 किमी का अतिरिक्त चक्कर लगता है।
दोनों आरओबी की डीपीआर केंद्र सरकार को भेज दी गई है और जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। अनुमान है कि दिवाली के आसपास काम शुरू होगा और 12 से 15 माह में पूरा किया जाएगा।
सर्विस रोड की मरम्मत के साथ पुलियाओं को नए सिरे से तैयार किया गया। यही कारण है कि इस बार मानसून में पुलियाओं के नीचे जलभराव नहीं हुआ।
अभी बाइपास पर ट्रकों की संख्या अत्यधिक है। एनएचएआइ के अधिकारियों के अनुसार बाइपास के दोनों ओर लाखों की आबादी है। उत्तरी रिंग रोड बनने के बाद बाइपास पर भारी वाहनों का दबाव कम होगा।