सोडाला एलिवेटेड रोड का वर्कऑर्डर देने के बाद जेडीए ठेकेदार से सड़क नहीं बनवा पाया। जेडीए ने न सिर्फ कार्यादेश को वापस ले लिया, बल्कि टेंडर भी निकाल दिया। जेडीए अधिकारियों का तर्क है कि यातायात पुलिस से अनुमति न मिलने की वजह से काम नहीं हो पाया। सवाल यह है कि जब पहले यातायात पुलिस ने अनुमति नहीं दी तो आगे कैसे मिलेगी।
जयपुर. इसे जेडीए की नाकामी ही कहेंगे कि जिस काम को पिछले वर्ष अगस्त में पूरा हो जाना था वो अब तक शुरू नहीं हो पाया है। मामला आचार्य तुलसी सेतु (सोडाला एलिवेटेड रोड) का है। पिछले वर्ष 10 अप्रेल को जेडीए ने सड़क बनाने का कार्यादेश दे दिया। 19 अप्रेल से काम शुरू करना था और 18 अगस्त तक काम खत्म करना था। हैरानी की बात यह है कि अब तक कोई काम ही नहीं हुआ।
दरअसल, इस मानसून में एलिवेटेड रोड खस्ताहाल हो गई। जगह-जगह सड़कउखडऩे से वाहन चालकों को आवाजाही में दिक्कत हो रही है। अब जेडीए ने पेचवर्क कराया। हालांकि, इसमें भी खानापूर्ति की गई। पेचवर्क भी उधड़ गया। इससे घुमाव पर हादसों की आशंका बनी रहती है।
अब फिर से टेंडर की तैयारी
जेडीए ने 3.47 करोड़ रुपए का कार्यादेश दिया। लेकिन यातायात पुलिस की अनुमति नहीं मिली और ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया। मानसून से पहले जेडीए ने इस काम को वापस ले लिया। अब फिर से इस सड़क को बनाने के लिए जेडीए ने टेंडर निकाला है। सूत्रों की मानें तो जिस ठेकेदार को जेडीए ने काम दिया, वो काम करने का इच्छुक नहीं था। इस वजह से अनुमति के लिए गंभीरता से काम नहीं किया।