जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की चर्चित म्यूजिक स्टेज की शाम में सैकड़ों की तादाद में मौजूद जयपुराइट्स के बीच जैसे ही बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर ने अपने चिर-परिचित अंदाज में फिल्मी गीतों की झड़ी लगाई तो वातावरण कैलाश के रंग से सराबोर हो उठा।
इमरान शेख
JLF 2025 : जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की चर्चित म्यूजिक स्टेज की शाम में सैकड़ों की तादाद में मौजूद जयपुराइट्स के बीच जैसे ही बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर ने अपने चिर-परिचित अंदाज में फिल्मी गीतों की झड़ी लगाई तो वातावरण कैलाश के रंग से सराबोर हो उठा। चारबाग वेन्यू पर सुरों के सागर में गोते लगाते श्रोता भी कैलाश के हर गीत पर सुरों से सुर मिलाने लगे।
शुरुआत में एंट्री गेट से लेकर मंच तक खचाखच श्रोताओं की भीड़ ने कैलाश का गर्मजोशी के साथ वेलकम किया। इस बीच कैलाश ने 'तेरी दीवानी…', 'सैयां…', 'अर्जियां सारी…', 'या रब्बा…', 'पिया घर आवेंगे…', 'अल्लाह के बंदे…', 'जय जयकारा…', 'रब्बा इश्क ना होवे…,' 'रंग दीनी…,' 'कैसी यह अनहोनी…,' सरीखे गीतों से समां बांधकर माहौल को गुलजार कर दिया।
हालांकि श्रोताओं की भारी भीड़ को देखकर कैलाश को मंच से बोलना पड़ा कि जयपुराइट्स की दीवानगी के आगे मंच एरिया छोड़ा पड़ गया। हमने श्रोताओं की फरमाइश पर आखिरी समय में मंच एरिया थोड़ा बड़ा किया था। इस बीच आप सबका प्यार देखकर बहुत खुशी हुई।
इससे पहले पासधारी श्रोताओं को अव्यवस्थाओं के चलते परेशानी का सामना करना पड़ा। कार्यक्रम की शुरुआत में राजस्थान के कलाकारों ने अपने गीत संगीत से माहौल को खूबसूरत बनाया। उन्होंने राजस्थान के रेतीले धोरों पर आधारित गीतों को अनूठी शैली में पेश किया।