Doctors strike in Rajasthan: राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस के धन्वंतरि आउटडोर में डॉक्टर्स के चैम्बर खाली मिले। वार्डों में भर्ती अधिकतर मरीजों को छुट्टी दे दी गई।
Rajasthan News: जयपुर। कोलकाता के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में शनिवार को सरकारी के साथ निजी क्षेत्र भी शामिल होने के कारण प्रदेश में चिकित्सा सेवाएं चरमरा गई। एक ही दिन में राजस्थान में करीब 5 हजार प्लांड ऑपरेशन टाल दिए गए। अब इन मरीजों को आगे की तारीखें दी गई हैं। जिसके कारण अस्पतालों में वेटिंग का मर्ज अब अगले कुछ दिनों के लिए और बढ़ गया है। बहिष्कार के कारण आउटडोर मरीजों की संख्या भी करीब 70 से 80 प्रतिशत कम होने का अनुमान रहा। कई जगह मरीज इलाज के अभाव में तड़पते हुए भी देखे गए और निराश लौटते रहे।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर शनिवार को राजस्थान के सभी जिलों में निजी अस्पताल, क्लीनिक, जांच केन्द्र बंद रखे गए। सरकारी मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार भी लगातार पांचवें दिन जारी रहा। सेवारत चिकित्सकों और मेडिकल टीचर्स भी कार्य बहिष्कार में शामिल हुए। प्रदेश में करीब 10 हजार चिकित्सकों ने पूरे दिन काम नहीं किया।
सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस के धन्वंतरि आउटडोर में डॉक्टर्स के चैम्बर खाली मिले। वहीं, वार्डों में दो-चार मरीज ही नजर आए। वार्डों में भर्ती अधिकतर मरीजों को छुट्टी दे दी गई। जयपुर में अधिकांश निजी अस्पताल, क्लिनिक बंद रहे। शहर में करीब 1500 ऑपरेशन प्रभावित होने का अनुमान है। इसके अलावा हजारों जांचें नहीं हो पाईं। निजी क्षेत्र में कार्य बहिष्कार होने के कारण करीब 25 हजार आउटडोर मरीज प्रभावित हुए।
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर व विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह ने कहा कि मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में 2600 चिकित्सक शिक्षकों, 500 चिकित्सा अधिकारियों, 9500 नर्सिंग कर्मियों व 650 जूनियर रेजिडेंट ने सेवाएं दीं।
जयपुरः एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में 700 प्लांड ऑपरेशन नहीं हुए।
कोटाः 40 हजार मरीज प्रभावित।
सीकरः कल्याण अस्पताल में एक भी प्लांड ऑपरेशन नहीं।
भीलवाड़ाः मरीजों की संख्या में 98 प्रतिशत कम हो गई।
पालीः बांगड़ अस्पताल में ओपीडी 3000 से 1100 पर आ गई।
भरतपुरः 210 ऑपरेशन नहीं।
नागौर: 83 ऑपरेशन टल गए।
बाड़मेरः 90 ऑपरेशन नहीं हुए।
अलवरः ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में रोज 1500 से 1700 की ओपीडी रहती है, लेकिन करीब 200 मरीज ही आए।
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